कांग्रेस अध्यक्ष बनने का इच्छुक नहीं, MP पर ध्यान देना चाहता हूं: कमलनाथ

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यह पूछे जाने पर कि वह स्वयं पार्टी के शीर्ष पद का चुनाव क्यों नहीं लड़ना चाहते, कमलनाथ ने कहा कि वह दिल्ली गए थे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कहा कि वह मध्य प्रदेश नहीं छोड़ेंगे क्योंकि केवल 12 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने बुधवार को कहा कि वह पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के इच्छुक नहीं हैं और वह इस पद के लिए चुनाव नहीं लड़ना चाहते क्योंकि वह अपने गृह राज्य पर ध्यान देना चाहते हैं, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहे हैं क्योंकि राहुल गांधी ने पार्टी की बागडोर संभालने से इनकार कर दिया है। कमलनाथ ने यहां एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने राहुल गांधी से बात की और उनसे चुनाव लड़ने का आग्रह किया ताकि यह सब (जारी उठापटक) समाप्त हो सके। मैंने उनसे कहा कि चीजें पेचीदा हो रही हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि वह (पार्टी अध्यक्ष)नहीं बनना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब, जब वह (राहुल गांधी)पार्टी प्रमुख नहीं बनना चाहते हैं....चुनाव हो रहे हैं। जे पी नड्डा अपनी पार्टी में बिना किसी चुनाव के भाजपा के अध्यक्ष बन गए। चुनाव कराने के बात तो दूर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नड्डा के पद पर नियुक्त होने से पहले पार्टी के 10 नेताओं तक से राय नहीं ली।’’ यह पूछे जाने पर कि वह स्वयं पार्टी के शीर्ष पद का चुनाव क्यों नहीं लड़ना चाहते, कमलनाथ ने कहा कि वह दिल्ली गए थे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कहा कि वह मध्य प्रदेश नहीं छोड़ेंगे क्योंकि केवल 12 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। 

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मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं यह जिम्मेदारी नहीं लूंगा क्योंकि इससे मेरा ध्यान मध्य प्रदेश से हट जाएगा। मैं अपना ध्यान मध्य प्रदेश से नहीं हटाना चाहता।’’ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि पार्टी के नये अध्यक्ष को पहले गुजरात और हिमाचल प्रदेश पर ध्यान केंद्रित करना होगा जहां चुनाव जल्द होने हैं और हर राज्य के लिए एक रणनीति तैयार करने की आवश्यकता होगी। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव अगले साल नवंबर में होना है। यह पूछे जाने पर कि क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे, कमलनाथ ने कहा, ‘‘ मुझे जानकारी नहीं है।’’ तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर द्वारा नामांकन दाखिल करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने कहा, ‘‘मैंने उनके साथ बात की। वह अपना नामांकन दाखिल करना चाहते हैं क्योंकि चुनाव है और ऐसा नहीं लगना चाहिए कि चुनाव नहीं होते हैं।’’ कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘इस संबंध में उनसे पूछें कि क्या वह तैयार हैं।’’ राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम पर कमलनाथ ने कहा कि उन्हें गहलोत ने कहा कि वहां विधायकों द्वारा बैठक आयोजित करने में वह शामिल नहीं थे। उन्होंने कहा कि बैठक में शामिल लोगों को अनुशासनहीनता के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह गहलोत को ‘क्लीन चिट’ दे रहे हैं, कमलनाथ ने कहा कि वह केवल वही जानकारी दे रहे हैं जो गहलोत ने उन्हें दी है। उन्होंने कहा कि वह राजस्थान के घटनाक्रम में शामिल नहीं होना चाहते क्योंकि वह मध्य प्रदेश पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। 

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कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने राजस्थान में आमने-सामने चर्चा के लिए बैठक का आयोजन किया था जैसे कि पहले मध्य प्रदेश में हुआ था और अर्जुन सिंह को 1980में मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया था। कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति ने मंगलवार रात को राजस्थान के मंत्रियों शांति धारीवाल और महेश जोशी तथा पार्टी के नेता धर्मेंद्र राठौड़ को उनकी ‘‘घोर अनुशासनहीनता’’ के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया। ये नोटिस तब भेजे गए, जब पार्टी पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने तीनों नेताओं पर ‘घोर अनुशासनहीनता’ का आरोप लगाते हुए पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को अपनी लिखित रिपोर्ट सौंपी थी और अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा भी की थी। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की एक बैठक रविवार शाम को मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे त्यागपत्र देने के लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने चले गए थे। उधर, राजस्थान के इस राजनीतिक घटनाक्रम के चलते गहलोत के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने पर संशय बरकरार है। थरूर पार्टी के शीर्ष पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए तैयार प्रतीत हो रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उनका चुनावी प्रतिद्वंदी कौन होगा। पार्टी की ओर से बृहस्पतिवार जारी अधिसूचना के मुताबिक चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से 30 सितंबर तक चलेगी। नामांकन पत्रों की जांच की तिथि 1 अक्टूबर है, जबकि नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर है। उम्मीदवारों की अंतिम सूची 8 अक्टूबर को शाम 5 बजे प्रकाशित की जाएगी। जरूरत पड़ने पर मतदान 17 अक्टूबर को होगा। मतों की गिनती 19 अक्टूबर को होगी और उसी दिन परिणाम घोषित किया जाएगा।

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