जमानत रद्द करने की याचिका पर गौतम खेतान को नोटिस

कोर्ट ने हेलीकॉप्टर घोटाले में निचली अदालत द्वारा अधिवक्ता गौतम खेतान को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग करने वाली सीबीआई की याचिका पर अधिवक्ता को नोटिस जारी किया है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में निचली अदालत द्वारा अधिवक्ता गौतम खेतान को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग करने वाली सीबीआई की याचिका पर अधिवक्ता को नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति आईएस मेहता ने सीबीआई की याचिका पर सुनवाई की तारीख 18 जनवरी तय की है। इसी दिन न्यायालय पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके संबंधी संजीव त्यागी के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई करेगा। इन दोनों आरोपियों को भी निचली अदालत ने जमानत दे दी थी।

एजेंसी ने तीनों आरोपियों को दी गई जमानत को इस आधार पर चुनौती दी है कि तीनों व्यक्ति प्रभावशाली हैं और घोटाले में जारी जांच को प्रभावित कर सकते हैं। सीबीआई ने कहा कि तीनों ही मामलों में जमानत रद्द करने की मांग करने का आधार एक है जिसके बाद न्यायालय ने तीनों मामलों को सूचीबद्ध कर लिया, इनकी सुनवाई 18 जनवरी को होगी। पिछले साल 26 दिसंबर को निचली अदालत ने एसपी त्यागी को जमानत दी थी। इसके बाद चार जनवरी को निचली अदालत ने इस घोटाले के आरोपी संजीव त्यागी और वकील खेतान को भी जमानत दे दी थी। अदालत ने कहा था कि उन्हें हिरासत में रखने का कोई मतलब नहीं निकलता है। सीबीआई ने कहा कि आरोपित व्यक्ति जांच को ‘‘प्रभावित’’ कर सकते हैं और हिरासत से बाहर रहते हैं तो अन्य आरोपियों को ‘‘आगाह’’ कर सकते हैं।

सीबीआई ने 71 वर्षीय एसपी त्यागी समेत संजीव त्यागी और खेतान को नौ दिसंबर, 2016 को गिरफ्तार किया था। निचली अदालत ने उन्हें पिछले साल 26 दिसंबर को जमानत दी थी। यह मामला संप्रग सरकार के दूसरे कार्यकाल में ब्रिटेन की कंपनी अगस्तावेस्टलैंउ से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की खरीद में कथित अनियमितता से जुड़ा है। इससे पहले की सुनवाई में एजेंसी ने उच्च न्यायालय में दावा किया था कि यदि एसपी त्यागी को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह ‘‘अन्य संभावित आरोपियों को’’ आगाह कर सकते हैं। एसपी त्यागी वर्ष 2007 में वायुसेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। इस घोटाले में आरोपी त्यागी को निचली अदालत ने इस आधार पर जमानत दी थी कि सीबीआई कथित रिश्वत की राशि की जानकारी देने में नाकाम रही है और यह भी नहीं बता पाई है कि रिश्वत कब दी गई थी। सीबीआई द्वारा लगाए गए आरोपों से सभी आरोपियों ने इनकार किया है।

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