अब मुगलों की शान में मणिशंकर अय्यर ने पढ़े कसीदे, हिंदुत्व को लेकर भाजपा पर भी किया प्रहार
अपने वक्तव्य को मजबूती प्रदान करने के लिए अय्यर ने मुगल बादशाह अकबर के साथ-साथ तमाम दूसरे मुगल बादशाहों का भी उदाहरण दिया। उदाहरण के साथ ही अय्यर ने दावा किया कि मुगल शासन में कभी भी जोर जबरदस्ती से किसी का धर्मांतरण नहीं कराया गया।
अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले मणिशंकर अय्यर एक बार फिर से चर्चा में हैं। इस बार कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने मुगलों की शान में कसीदे पढ़े हैं। उन्होंने मुगल शासन की जमकर तारीफ की है। नेहरू जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मणिशंकर अय्यर ने मुगल शासन में हुए अत्याचार की बातों का पूरी तरीके से खंडन किया। अय्यर ने कहा कि मुगलों ने कभी भी देश में धर्म के नाम पर अत्याचार नहीं किया। अपने वक्तव्य को मजबूती प्रदान करने के लिए अय्यर ने मुगल बादशाह अकबर के साथ-साथ तमाम दूसरे मुगल बादशाहों का भी उदाहरण दिया। उदाहरण के साथ ही अय्यर ने दावा किया कि मुगल शासन में कभी भी जोर जबरदस्ती से किसी का धर्मांतरण नहीं कराया गया।
Congress' MA Aiyar says,"Rahul recently said there's difference b/w Hindu religion&Hindutva.Those of us who believe in Hindu religion,consider country's all citizens Indians.Then there are some,in power,who say 80% Indians who practice Hindu religion are real Indians..." (14.11) pic.twitter.com/Nu4zREHzHY
— ANI (@ANI) November 15, 2021
भाजपा पर हमला
हाल नहीं हिंदू और हिंदुत्व पर हुए विवाद पर भी मणिशंकर अय्यर ने अपनी राय रखी। मणिशंकर अय्यर ने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोगों को सिर्फ देश के 80 फ़ीसदी लोगों की ही चिंता है। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि हिंदू धर्म और हिंदुत्व में अंतर है। हम में से जो हिंदू धर्म में विश्वास करते हैं, वे देश के सभी नागरिकों को भारतीय मानते हैं। जो सत्ता में हैं, जो कहते हैं कि हिंदू धर्म का पालन करने वाले 80% भारतीय ही असली भारतीय हैं।
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मुस्लिमों की जनसंख्या नहीं बढ़ी
मणि शंकर अय्यर ने तर्क देते हुए यह भी दावा किया कि देश में मुस्लिमों की जनसंख्या नहीं बढ़ी। उन्होंने पुरानी जनगणना का हवाला देते हुए कहा कि 1872 में देश में 72 फ़ीसदी हिंदू आबादी थी और 24 फ़ीसदी मुसलमानों की आबादी थी। कमोबेश यह संख्या अभी वैसे ही है। इसलिए मुसलमानों का जनसंख्या बढ़ाने का आरोप लगाना गलत है।
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