उत्तर प्रदेश में अब किसी नये मदरसे को नहीं मिलेगा सरकारी अनुदान

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प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बुधवार को ताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि अब प्रदेश के किसी भी अन्य मदरसे को अनुदान सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब किसी भी नये मदरसे को सरकारी अनुदान नहीं दिया जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल ने यह फैसला किया है। प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बुधवार को  ताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि अब प्रदेश के किसी भी अन्य मदरसे को अनुदान सूची में शामिल नहीं किया जाएगा, लेकिन जिन मदरसों को वर्तमान में सरकारी अनुदान प्राप्त हो रहा है उन्हें यह मिलता रहेगा।

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अंसारी ने इस फैसले के कारण के बारे में पूछे जाने पर बताया कि प्रदेश में इस वक्त 560 मदरसों को सरकारी अनुदान प्राप्त हो रहा है। यह एक बड़ा ढांचा है। पहले उसे बेहतर बनाने की जरूरत है। सरकार का ध्यान मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने पर है, इसीलिए अब इस सूची में किसी नये मदरसे को शामिल नहीं किया जाएगा। इस सवाल पर कि क्या भविष्य में इस रोक को हटाया भी जा सकता है, अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘अभी तो यही है, बाद की बाद में देखी जाएगी।’’

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गौरतलब है कि राज्य में कुल 16461 मदरसे हैं, जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान प्राप्त हो रहा है। इस बीच, राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष पूर्व राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने मदरसों को अनाप-शनाप मान्यता देकर उन्हें अनुदान सूची में शामिल किया, मगर वे गुणवत्तापरक शिक्षा नहीं दे पा रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सपा और बसपा की सरकारों ने अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए उनके मदरसों को अनुदान सूची में शामिल किया, मगर इससे मदरसा शिक्षा का कोई भला नहीं हुआ।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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