ओडिशा: मुख्यमंत्री आवास के पास दंपति ने किया किया 7 साल की बेटी के साथ आत्मदाह का प्रयास, बेबस था परिवार

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के ‘लोअर पीएमजी रोड’ स्थित आवास के पास एक दंपति ने अपनी सात साल की बेटी के साथ मंगलवार को आत्मदाह की धमकी दी, लेकिन पुलिस ने उन्हें बचा लिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि परिवार बौध जिले का रहने वाला है और वह गंभीर त्वचा रोग से पीड़ित अपनी बच्ची के इलाज के लिए भुवनेश्वर आया हुआ था।
ओडिशा इस वक्त सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहने वाला भारत का राज्य बना हुआ है। हाल ही में दो अलग अलग लड़कियों के आत्मदाह की घटना के बाद सरकार और प्रशासन सवालों के घेरे में हैं। महिला सुरक्षा को लेकर विपक्ष लगातार राज्य सरकार को घेर रहा हैं। अब ओडिशा से एक और बड़ी घटना सामने आयी है। अगर ये घटना हो जाती तो सरकार काफी ज्यादा परेशानी में आ जाती लेकिन इस अनहोनी तो टाल दिया गया।
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ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के ‘लोअर पीएमजी रोड’ स्थित आवास के पास एक दंपति ने अपनी सात साल की बेटी के साथ मंगलवार को आत्मदाह की धमकी दी, लेकिन पुलिस ने उन्हें बचा लिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि परिवार बौध जिले का रहने वाला है और वह गंभीर त्वचा रोग से पीड़ित अपनी बच्ची के इलाज के लिए भुवनेश्वर आया हुआ था। उन्होंने बताया कि परिवार बच्ची के इलाज के लिए पैसे की कमी से परेशान होकर मुख्यमंत्री आवास के पास आया और मीडिया के सामने आत्मदाह करने की धमकी दी।
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पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने हस्तक्षेप किया और दंपति एवं बच्ची को कोईकदम उठाने से पहले ही बचा लिया। हालांकि, उनके पास से कोई ज्वलनशील पदार्थ नहीं मिला। भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जगमोहन मीणा ने कहा, तीनों को बचाकर मुख्यमंत्री के शिकायत प्रकोष्ठ में ले जाया गया जहां उनकी बात सुनी गई। उन्होंने बताया कि दंपति को इलाज के लिए पहले ही मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) से 40,000 रुपये मिल चुके थे। उन्होंने बताया कि दंपति की इच्छा के अनुसार, बाद में उन्हें बच्ची के इलाज के लिए कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेज दिया गया।
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