आतंकवादियों के हमले में एक कश्मीरी पंडित की मौत, भाई घायल

Civilian killed
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जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में मंगलवार को सेब के बाग में आतंकवादियों के हमले में एक कश्मीरी पंडित की मौत हो गई जबकि उनका भाई घायल हो गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। अप्रैल महीने में भी अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाते हुए ऐसे हमले किए गए थे। पुलिस के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘शोपियां जिले के चोटीपुरा में सेब के एक बाग में आतंकवादियों ने नागरिकों पर हमला किया।

श्रीनगर, 17 अगस्त।  जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में मंगलवार को सेब के बाग में आतंकवादियों के हमले में एक कश्मीरी पंडित की मौत हो गई जबकि उनका भाई घायल हो गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। अप्रैल महीने में भी अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाते हुए ऐसे हमले किए गए थे। पीड़ित सुनील कुमार पंडित अपने भाई पीतांबर नाथ पंडित उर्फ पिंटू के साथ शोपियां के चोटीगाम गांव में अपने बाग में मवेशियों के साथ गए थे तभी उन पर एके-47 राइफल से हमला किया गया। पुलिस के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘शोपियां जिले के चोटीपुरा में सेब के एक बाग में आतंकवादियों ने नागरिकों पर हमला किया।

इस गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। दोनों अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इलाके की घेराबंदी की गई है। विस्तृत जानकारी जल्द मुहैया कराई जाएगी।’’ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक दो आतंकवादी सुबह बाग में आए और उनमें से एक ने दोनों भाइयों पर अपनी एके-47 राइफल से गोलीबारी शुरू कर दी। वहीं दूसरे ने अपने मोबाइल फोन से इस घटना को रिकार्ड किया। उन्होंने बताया कि इस हमले में सुनील कुमार की मौके पर ही मौत हो गई और उनके भाई को यहां के एक सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां वह मौत से संघर्ष कर रहे हैं। सुनील कुमार के परिवार में उनकी पत्नी और चार बेटियां हैं।

इस बीच सुनील का आज शाम अंतिम संस्कार कर दिया गया। लोगों ने पीड़ित के घर से श्मशान घाट तक जुलूस निकाला और हिंदू मुस्लिम सिख एकता ’’ के नारों के बीच सुनील कुमार का अंतिम संस्कार किया गया। जुलूस में शामिल लोगों ने कुमार की हत्या के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि यह इस्लाम के सिद्धांत के खिलाफ है। इलाके के कई लोग जुलूस में शामिल हुए जहां मुस्लिम पड़ोसियों को पीड़ित परिवार को सांत्वना देते हुए देखा गया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पिंटू के स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए यहां सैन्य अस्पताल का दौरा किया। सिन्हा ने डॉक्टरों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उन्हें सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा मिले।

सिन्हा ने अस्पताल में इलाज करा रहे आईटीबीपी कर्मियों से भी मुलाकात की जो अमरनाथ यात्रा की ड्यूटी कर पुलिस नियंत्रण कक्ष लौटने के दौरान बस के गहरी खाई में गिर जाने से घायल हो गए थे। इस घटना में सात अन्य आईटीबीपी जवानों की मौत हो गई। सिन्हा ने ट्वीट किया, सैन्य अस्पताल, श्रीनगर का दौरा किया और घायल आईटीबीपी कर्मियों से मुलाकात की। उन्हें सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। आतंकवादियों ने अप्रैल में भी सुनील के गांव में हमला किया था और उन्होंने कश्मीरी पंडित केमिस्ट बालकृष्ण भट उर्फ ​​सोनू कुमार पर गोलियां चलाई थीं, जो चमत्कारिक रूप से बाल-बाल बच गए थे।

वह घायल हो गए थे और लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहे। घटना के बाद प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि जहां अल्पसंख्यक रह रहे हैं, उन इलाकों में सुरक्षा बलों की मौजूदगी बढ़ाई जाएगी। इस साल की शुरुआत से ही घाटी में अल्पसंख्यकों, श्रमिकों और पुलिस कर्मियों पर हमलों में तेजी आई है। इस साल निशाना बना कर किए गए हमलों में मरने वालों की संख्या 21 हो गई है जिनमें दो कश्मीरी पंडित भी शामिल हैं। कश्मीर फ्रीडम फाइटर नामक एक समूह ने हमले की जिम्मेदारी ली है लेकिन सुरक्षा बलों का मानना ​​है कि प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया है।

जब प्रशासनिक अधिकारी पीड़ित के परिवार से मिलने पहुंचे तो वहां तीखी बहस हुई। बालकृष्ण के भाई ने अधिकारियों का प्रतिकार किया और उन पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने कर्तव्यों में विफल रहने का आरोप लगाया। शोपियां जिला मुख्यालय से लगभग 10 किमी और श्रीनगर से 70 किमी दूर चोटीगाम में दो या तीन ही कश्मीरी पंडित परिवार हैं। इस क्षेत्र को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी समूहों का गढ़ माना जाता है। कश्मीर घाटी में पिछले एक सप्ताह में आतंकवादियों के हमले बढ़ गए हैं। नौहट्टा में रविवार को एक पुलिसकर्मी और पिछले हफ्ते बांदीपुरा में एक प्रवासी मजदूर की हत्या कर दी गई थी। बडगाम और श्रीनगर जिले में सोमवार को दो ग्रेनेड हमले किए गए थे।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोपियां जिले में हुई इस हत्या की निंदा की है। सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘‘शोपियां में आम नागरिकों पर हुए घृणित आतंकी हमले से हुए दुख को शब्दों में नहीं व्यक्त किया जा सकता। मेरी संवेदनाएं सुनील कुमार के परिवार के साथ हैं। घायल के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहा हूं। इस हमला की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। इस बर्बर कृत्य के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को नहीं बख्शा जाएगा।’’ नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी हत्या की निंदा की। उन्होंने कहा, आज दक्षिण कश्मीर से बेहद दुखद समाचार। एक दुर्घटना और एक आतंकवादी हमला...।

मैं शोपियां में आतंकवादी हमले की निंदा करता हूं जिसमें सुनील कुमार की मौत हो गई और पिंटू कुमार घायल हो गए। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा, शोपियां में निर्दोष अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर कायरतापूर्ण आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं जिसमें सुनील कुमार की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गए। आतंक का कोई धर्म नहीं होता है। हत्यारों को दंडित किया जाना चाहिए।

पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने भी हमले की निंदा की और पीड़ितों के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। इस बीच, कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (केपीएसएस) ने आतंकवादियों द्वारा बढ़ते हमलों के मद्देनजर समुदाय के सदस्यों से घाटी छोड़ देने को कहा है। केपीएसएस प्रमुख संजय टिक्कू ने कहा, कश्मीर में कश्मीरी पंडितों पर एक और घातक हमला, आतंकवादियों ने साफ कर दिया है कि वे कश्मीर घाटी में सभी कश्मीरी पंडितों को मार देंगे।’’

टिक्कू ने कहा कि उन्होंने सभी कश्मीरी पंडितों से घाटी छोड़कर जम्मू और दिल्ली जैसे सुरक्षित स्थानों पर जाने का आग्रह किया है। उन्होंने पीटीआई-से कहा, हम पिछले 32 वर्षों से यह देख रहे हैं। सरकार अल्पसंख्यकों, खासकर कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रही है। हम कब तक इस तरह अपनी जान देते रहेंगे? अब बहुत हो गया।’’ केपीएसएस प्रमुख ने दावा किया कि मंगलवार के हमले के पीड़ितों ने खुफिया सूचनाओं के मद्देनजर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क किया था ताकि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा सके।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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