महज एक-दो फीसदी किसान ही कर रहे हैं कृषि कानूनों का विरोध: अनुराग ठाकुर

Anurag Thakur

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मीडिया का एक वर्ग दिखाता है कि (नये कृषि कानूनों के खिलाफ) आंदोलन में कई किसान शामिल हैं, लेकिन उन 95 फीसद किसानों को भी दिखाइए जो इन कानूनों से खुश हैं।

इंदौर। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को नये कृषि कानूनों को वर्ष 2022 तक अन्नदाताओं की आय दोगुनी करने का साधन बताया और दावा किया कि इन प्रावधानों के खिलाफ जारी आंदोलन में देश के केवल एक-दो फीसद किसान शामिल हैं। ठाकुर ने यहां कम्पनी सचिवों के 48वें राष्ट्रीय अधिवेशन में कहा कि देश के मात्र एक-दो प्रतिशत किसान इस आंदोलन में शामिल हैं जिन्हें भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है।आप (नये कृषि कानूनों के विरोधी) पूरे देश के किसानों की आय वृद्धि पर रोक लगाना चाहते हैं, यह उचित नहीं है। उन्होंने कहा, मीडिया का एक वर्ग दिखाता है कि (नये कृषि कानूनों के खिलाफ) आंदोलन में कई किसान शामिल हैं, लेकिन उन 95 फीसद किसानों को भी दिखाइए जो इन कानूनों से खुश हैं। 

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ठाकुर के मुताबिक देश के ज्यादातर किसानों ने नये कृषि कानूनों के लिए नरेंद्र मोदी सरकार का शुक्रिया अदा किया है क्योंकि इन प्रावधानों से वर्ष 2022 तक उनकी आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी। उन्होंने भाजपा के विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि किसान आंदोलन की आड़ में भ्रम फैलाया जा रहा है कि नये कृषि कानूनों के अमल में आने के बाद मोदी सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल खरीदने की व्यवस्था खत्म कर देगी। 

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वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि हमने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की पिछली सरकार के मुकाबले न केवल फसलों का एमएसपी बढ़ाया, बल्कि इन दरों पर किसानों की उपज की सरकारी खरीद में भी इजाफा किया। उन्होंने जोर देकर कहा, नये कृषि कानूनों ने किसानों को यह आजादी दी है कि वे अपनी फसलें मनमुताबिक दाम पर देश के किसी भी कोने में बेच सकते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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