ओवैसी का तंज, NCP ने शिवसेना से किया निकाह, अब इनमें दुल्हा कौन है यह पता नहीं

owaisi new
ANI
अंकित सिंह । May 28 2022 10:39PM

ओवैसी ने आगे कहा कि चुनाव होने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस ने शिवसेना से मिलकर निकाह किया। अब इनमें दुल्हा कौन है यह मुझे नहीं पता। इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा पर भी निशाना साधा। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह भारत न मेरा है, न उद्धव ठाकरे का है, न मोदी, न शाह का है। भारत अगर किसी का है तो वह द्रविड़ और आदिवासियों का है।

महाराष्ट्र के भिवंडी में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक सभा के दौरान राज्य सरकार पर जबरदस्त तरीके से हमला बोला। ओवैसी ने पार्टी नेता खालिद गुड्डू की गिरफ्तारी को एक साजिश बताया और कहा कि उनका राजनीतिक करियर समाप्त करने के लिए ऐसा किया गया है। अपने बयान में ओवैसी ने कहा कि चुनाव के दौरान एनसीपी के लोग कहते थे कि शिवसेना को वोट नहीं देना लेकिन अब दोनों साथ हो गए हैं। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि विधानसभा के चुनावों में राष्ट्रवादी कांग्रेस के लोग कह रहे थे कि ओवैसी को वोट मत देना क्योंकि भाजपा, शिवसेना को रोकना है।

इसे भी पढ़ें: ओवैसी के बहाने संजय राउत ने भाजपा को आड़े हाथों लिया, कहा- भिवंडी के मुस्लिम भाई उनको नहीं देंगे समर्थन

ओवैसी ने आगे कहा कि चुनाव होने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस ने शिवसेना से मिलकर निकाह किया। अब इनमें दुल्हा कौन है यह मुझे नहीं पता। इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा पर भी निशाना साधा। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह भारत न मेरा है, न उद्धव ठाकरे का है, न मोदी, न शाह का है। भारत अगर किसी का है तो वह द्रविड़ और आदिवासियों का है। चार जगहों से लोग आए थे लेकिन भाजपा सिर्फ मुगलों के पीछे पड़ी रहती है। आपको बता दें कि ज्ञानवापी मामले में असदुद्दीन ओवैसी लगातार मुखर हैं। वह इस बात का लगातार ऐलान भी कर रहे हैं कि बाबरी को हमने खो दिया लेकिन ज्ञानवापी को हम नहीं खोने देंगे। 

इसे भी पढ़ें: ओवैसी के गढ़ में मोदी की दहाड़, केसीआर और परिवारवाद पर वार, इस बार भाजपा लाएगी बदलाव की बयार

इससे पहले ओवैसी ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय ज्ञानवापी मामले पर अगली सुनवाई के दौरान निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाएगा और ‘‘पूर्ण न्याय’’ करेगा। ओवैसी ने कहा कि जब वाराणसी की अदालत ने नमाजियों की संख्या 20 तक सीमित करने और ‘‘शिवलिंग पाए जाने’’ के स्थान की सुरक्षा का आदेश दिया, तो उनकी राय में उस समय ‘‘गंभीर प्रक्रियात्मक अन्याय हुआ। उन्होंने कहा था कि उन्होंने नमाजियों को ज्ञानवापी मस्जिद में जाकर इबादत करने की इजाजत दी है। इससे पहले निचली अदालत के आदेश ने इसे 20 लोगों तक सीमित कर दिया था। इसलिए हमें उम्मीद है कि सुनवाई की अगली तारीख पर उच्चतम न्यायालय पूर्ण न्याय करेगा।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़