दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्ति का मालिकाना हक मिलना शुरू

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[email protected] । Jan 3 2020 2:02PM

हरदीप पुरी ने बताया कि अब तक 57 हज़ार आवेदन आ चुके हैं। जैसे जैसे आवेदकों के दस्तावेज़ों की जाँच और शुल्क भुगतान की प्रक्रिया पूरी होती जाएगी, वैसे वैसे मालिकाना हक़ और पंजीकरण प्रमाणपत्र लाभार्थियों को मिलते जाएँगे।

नयी दिल्ली। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने शुक्रवार को दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्ति के मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संपत्ति के मालिकाना हक का प्रमाणपत्र और पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करने वाले 20 लोगों को रजिस्ट्री के दस्तावेज़ सौंप कर इसकी शुरुआत की।  पुरी ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और डीडीए के उपाध्यक्ष तरुण कपूर की मौजूदगी में पहले 20 लाभार्थियों को संपत्ति के दस्तावेज़ सौंपे। संपत्ति का पहला पंजीकरण प्रमाणपत्र समयपुर बादली स्थित सूरज पार्क कालोनी की पिंकी शर्मा को दिया गया। पुरी ने बताया कि पहले 20 लाभार्थी सूरज पार्क और राजा विहार कॉलोनी के हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने 18 दिसंबर को संपत्ति के मालिकाना हक़ के लिए आवेदन किया था। इसके लिए 16 दिसंबर को आनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गयी थी।

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पुरी ने बताया कि अब तक 57 हज़ार आवेदन आ चुके हैं। जैसे जैसे आवेदकों के दस्तावेज़ों की जाँच और शुल्क भुगतान की प्रक्रिया पूरी होती जाएगी, वैसे वैसे मालिकाना हक़ और पंजीकरण प्रमाणपत्र लाभार्थियों को मिलते जाएँगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि डीडीए ने अनधिकृत कलोनियों के भू उपयोग में परिवर्तन किया है इसलिए मालिकाना हक का प्रमाणपत्र डीडीए द्वारा दिया जा रहा है और पंजीकरण शुल्क दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग को अदा किया जाएगा।  उन्होंने कहा कि शुल्क के एवज़ में मिलने वाली राशि से ‘विशेष विकास कोष’ बनाया गया है। इससे इन कालोनियों में विकास कार्य होंगे। उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने संसद द्वारा अलग से पारित क़ानून के माध्यम से पीएम उदय योजना के तहत 1731 कालोनियाँ नियमित की हैं। 

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