हरदीप पुरी बोले, सरकार के पास एयर इंडिया के निजीकरण के अलावा कोई विकल्प नहीं
पुरी ने एयर इंडिया के 13 कर्मचारी संगठनों के साथ यहां एक बैठक में यह टिप्पणी की। एक संगठन के प्रतिनिधि के अनुसार, पुरी ने कहा कि सरकार निजीकरण के बाद रोजगार की सुरक्षा को लेकर कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश कर रही है।
मुंबई। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि एयर इंडिया के ऊपर करीब 80 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ है। ऐसे में सरकार के पास इसके निजीकरण के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के निजीकरण की प्रक्रिया में कर्मचारियों के सहयोग की जरूरत है। पुरी ने एयर इंडिया के 13 कर्मचारी संगठनों के साथ यहां एक बैठक में यह टिप्पणी की। एक संगठन के प्रतिनिधि के अनुसार, पुरी ने कहा कि सरकार निजीकरण के बाद रोजगार की सुरक्षा को लेकर कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश कर रही है।
Had a long & useful discussion with representatives of various @airindiain unions in context of the forthcoming privatisation of the airline.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) January 2, 2020
Unions expressed their concerns which were duly noted. We have agreed to meet again in the next 10 days to carry forward our discussion. pic.twitter.com/oK63Vhj0bD
प्रतिनिधि ने एक घंटे चली बैठक के बाद कहा, ‘‘मंत्री ने कहा कि एयर इंडिया के ऊपर 80 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ है और किसी भी विशेषज्ञ के पास इसका समाधान नहीं है। ऐसी स्थिति में सरकार के समक्ष निजीकरण का ही एकमात्र विकल्प उपस्थित रह जाता है।’’ प्रतिनिधि ने कहा कि पुरी ने निजीकरण की प्रक्रिया में सभी कर्मचारी संगठनों से सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की।
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