गुजरात में ISI आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़, सात दुकानों में आग लगाने के आरोप में तीन गिरफ्तार

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अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों के विरूद्ध सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने संबंधी भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं तथा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

अहमदाबाद। अहमदाबाद पुलिस की अपराधा शाखा ने बुधवार को सात दुकानों में कथित रूप से आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया। यह घटना पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई के आतंकवाद फैलाने की साजिश का हिस्सा है, जिसमें असंदिग्ध मामूली अपराधियों को पैसे का लालच देकर इस तरह का काम करवाया जाता है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों के विरूद्ध सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने संबंधी भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं तथा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

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पुलिस ने बताया कि आईएसआई का एक अज्ञात एजेंट ने अपनी सही पहचान एवं मंशा का खुलासा किये बगैर गुजरात में दुकानों में आग लगाने के लिये कथित रूप से तीन लोगों को पैसे का लालच दिया। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई आतंकवाद फैलाने, आंतरिक सुरक्षा को नष्ट करने तथा भारत को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की आईएसआई की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनकी पहचान भूपेंद्र वंजारा, अनिल खटीक एवं अंकित पाल के रूप में की गयी है। उन्होंने बताया कि पाल को पुलिस सुरक्षा में अस्पताल में भर्ती कराया गया है क्योंकि वह कारोना संक्रमित पाया गया है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) प्रेमवीर सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि आईएसआई के अपने आका के निर्देश पर तीनों आरोपियों ने 20 मार्च की रात कालूपुरा इलाके के कपड़े की सात दुकानों को आग के हवाले कर दिया था।

उन्होंने बताया कि आका ने बाबा भाई के तौर पर अपनी पहचान बतायी है और इसी नाम से कई फेसबुक प्रोफाइल है। उन्होंने बताया, ‘‘घटना के बाद, हमें खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ लोगों ने जानबूझ कर आईएसआई के निर्देशानुसारदुकानों को आग लगायी है। मामले की विस्तृत पड़ताल के बाद हमने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया।’’ अधिकारी ने बताया कि इन तीनों आरोपियों ने दुकानों को आग लगाने के लिये आईएसआई एजेंट से डेढ़ लाख रुपये लिये थे। उन्होंने बताया कि वंजारा छोटा अपराधी है और फेसबुक के माध्यम से वह आईएसआई एजेंट के संपर्क में आया था। 

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अधिकारी ने दावा किया कि बाबा भाई ने अपनी पहचान और मंशा को उजागर किये बगैर वंजारा को लोगों को मारने और दुकानों को आग लगाने के लिये पैसे की पेशकश की। सिंह ने बताया, ‘‘वंजारा ने इससे पहले आईएसआई एजेंट से पेटीएम के माध्यम से बंदूक खरीदने के लिये 25 हजार रुपये लिये थे।’’ पुलिस उपायुक्त चैतन्य मांडलिक ने बताया कि बाबा भाई उन्हीं लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता है जो आपराधिक मंशा के व्यक्ति हैं और जिन्हें पैसों की आवश्यकता है।

मांडलिक ने बताया, ‘‘हमने कराची के कुछ आईपी एड्रेस का पता लगाया है, जिनका इस्तेमाल आईएसआई एजेंट ने वंजारा के साथ चैट करने में किया है, जिससे आईएसआई का कनेक्शन सामने आता है। यह पैसा देकर जाल में फंसाने का मामला है जिसका इस्तेमाल वे लोग देश में आतंकवाद फैलाने और आर्थिक नुकसान करने के लिये भारतीय नागरिकों को लालच देने के लिये करते हैं। पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों एवं विदेश से उनको निर्देश देने वाले अज्ञात आईएसआई एजेंट के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 121 और 120 बी तथा गैर कानूनी गतविधि (रोकथाम) अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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