ग्राम स्तर पर पंचायत प्रतिनिधि होंगे कोरोना युद्ध के सेनापति, मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों से किया वर्चुअल संवाद

Panchayat representatives
दिनेश शुक्ल । May 21 2021 9:35PM

हमारा प्रदेश कठिन दौर से गुजरा है। कोरोना के प्रकोप से अस्पताल भरे थे, ऑक्सीजन नहीं मिल रही थी। रेमडेसिविर इंजेक्शन का अभाव था। लगातार प्रयासों से व्यवस्थाएँ स्थापित हुई हैं। यदि लापरवाही बरती तो प्रदेश फिर कोरोना के दुष्चक्र में फँस जायेगा।

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना के विरुद्ध विकट युद्ध जारी है। ग्राम स्तर तक पहुँच चुका यह युद्ध पंच-सरपंच, जनपद और जिला पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग के बिना नहीं जीता जा सकता है। इस युद्ध में पंचायत प्रतिनिधि ही अपने-अपने क्षेत्र के सेनापति हैं। सभी को कोरोना कर्फ्यू, किल-कोरोना अभियान, टेस्टिंग, मेडिकल किट वितरण और टीकाकरण में हर संभव सहयोग करते हुए अपने गाँव और प्रदेश को 31 मई तक कोरोना मुक्त करने का लक्ष्य रख कर कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ग्रामीण क्षेत्रों के पंचायत प्रतिनिधियों को कोविड-19 के नियंत्रण की रणनीति के संबंध में निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग द्वारा संबोधित कर रहे थे।

 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है। कल 78 हजार  268 टेस्ट हुए, जिसमें 4 हजार 384 व्यक्ति ही पॉजिटिव आए हैं। एक्टिव प्रकरणों की संख्या लगातार घट रही है। कल यह संख्या 4 हजार 300 थी, जबकि 9 हजार 405 व्यक्ति स्वस्थ हुए। प्रदेश की पॉजिटिविटी दर 5.6 प्रतिशत हो गई है। हमें यह ध्यान रखना है कि यह लड़ाई लम्बी है अत: लापरवाह होने का समय नहीं है। हमारा प्रदेश कठिन दौर से गुजरा है। कोरोना के प्रकोप से अस्पताल भरे थे, ऑक्सीजन नहीं मिल रही थी। रेमडेसिविर इंजेक्शन का अभाव था। लगातार प्रयासों से व्यवस्थाएँ स्थापित हुई हैं। यदि लापरवाही बरती तो प्रदेश फिर कोरोना के दुष्चक्र में फँस जायेगा।

 

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आने वाले समय में प्रतिदिन सावधानी जरूरी है। हर गाँव में कोरोना कर्फ्यू का पालन किया जाये। गाँव के बाहर से आने वाले हर व्यक्ति का टेस्ट हो, जो भी पॉजिटिव आये, उसका तत्काल उपचार किया जाये। उपार्जन, तेंदूपत्ता संग्रहण और पत्ता जमा कराने में भीड़ नहीं लगे। जिन गाँवों में संक्रमण है, वहाँ विशेष सावधानी बरती जाये। मनरेगा के कार्यों में कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों का ध्यान रखा जाये और 31 मई तक शादी-विवाह जैसी भीड़ भरी गतिविधियां टाली जायें। यह सुनिश्चित किया जाये कि किल-कोरोना अभियान की टीमें घर-घर जायें और सर्दी खाँसी से प्रभावित प्रत्‍येक व्यक्ति को मेडिकल किट उपलब्ध कराये जायें। कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों को होम आइसोलेशन में या आवश्यकता होने पर कोविड केयर सेंटर में रखा जाये।

 

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मुख्यमंत्री ने आव्हान किया कि सभी पंचायत प्रतिनिधि 31 मई तक अपनी ग्राम पंचायत को कोरोना मुक्त करने का संकल्प लें और इस दिशा में एकजुट होकर प्रयास करें। अपना गाँव कोरोना मुक्त गाँव का संकल्प लेकर इसे पूरा करना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की कि कोरोना के विरुद्ध यह लड़ाई उनके सहयोग के बिना नहीं जीती जा सकती है। पंच, सरपंच, जिला और जनपद पंचायत प्रतिनिधि और क्राइसेस मेनेंजमेंट कमेटी के सदस्यों को जिम्मेदारी संभालनी होगी।

 

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मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में गरीब परिवारों की सहायता के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा दो माह का और राज्य सरकार द्वारा तीन माह का राशन उपलब्ध कराया गया है। यह सुनिश्चित करना होगा कि राशन सभी को वितरित हो और दुकानों पर भीड़ न लगे। कोरोना के प्रकोप में जो बच्चे अनाथ हो गये हैं उनके लिए पाँच हजार रूपये प्रतिमाह की पेंशन, नि:शुल्क राशन और उनकी पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है। ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर तथा निर्माण श्रमिकों के खातों में राशि जारी की गई है। किसान भाइयों को राहत देते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा डीएपी खाद के लिए 14 हजार 500 करोड़ का अनुदान जारी किया गया है।

 

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मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना से प्रभावित लोगों के नि:शुल्क इलाज के लिए शासकीय और अनुबंधित अस्पतालों में व्यवस्था की गई है। गरीब और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों के इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड की सुविधा है। अस्पतालों पर लगातार नजर रखी जा रही है। संकट के इस समय किसी भी व्यक्ति को लुटने नहीं दिया जायेगा। टीकाकरण के लिए जन-जागरण अभियान चलाना होगा। साथ ही, टीकाकरण को लेकर बन रहे भ्रम को दूर करना आवश्यक होगा।

 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के लिए भी तैयारियाँ आवश्यक हैं। इस ओर राज्य सरकार सजग है और आवश्यक स्वास्थ्य संरचना और संसाधनों की व्यवस्था कर रही है। हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि हम रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ायें और कोरोना से बचाव की सावधानियों का इस प्रकार पालन करें कि तीसरी लहर का असर ही न हो। कोरोना मानवता के विरूद्ध संकट है। अत: हम अपने गाँव को समरस गाँव बनायें और सब मनमुटाव भूलकर इस बड़े संकट का सामना करें।

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