पाटीदार आरक्षण अब कोई मुद्दा नहीं, उम्मीद है कि समुदाय हमें वोट देगा: भाजपा

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[email protected] । Apr 17 2019 1:02PM

उल्लेखनीय है कि 2017 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन ने राज्य विधानसभा चुनाव पर गहरा असर डाला था, विशेष तौर पर सौराष्ट्र में जहां इस समुदाय की अधिकतर आबादी बसती है।

अमरेली। भाजपा ने गुजरात में पाटीदार आरक्षण को अब कोई मुद्दा ना बताते हुए उम्मीद जाहिर की है कि लोकसभा चुनाव में यह समुदाय उसके पक्ष में मतदान करेगा। राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में अधिकतर पाटीदार कृषि से अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं और विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर किसानों से किए गए वादों, विशेषकर फसल बीमा योजना पर पीछे हटने का आरोप लगाया है। सत्तारूढ़ भाजपा के एक नेता का हालांकि मानना है कि किसानों को 6,000 रुपए सालाना देने की उनकी वार्षिक आय योजना लोकसभा चुनाव में उनके पक्ष में काम करेगी।

उल्लेखनीय है कि 2017 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन ने राज्य विधानसभा चुनाव पर गहरा असर डाला था, विशेष तौर पर सौराष्ट्र में जहां इस समुदाय की अधिकतर आबादी बसती है। सौराष्ट्र के अंतर्गत आने वाली सात लोकसभा सीटों में 49 विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें से कांग्रेस ने 30, भाजपा ने 18 तथा राकांपा ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी। केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के सौराष्ट्र क्षेत्र के प्रभारी मनसुख मंडाविया ने कहा, ‘‘ विधानसभा चुनाव के दौरान हमें नुकसान हुआ क्योंकि युवा वर्ग हमारे खिलाफ था। विधानसभा में हमारी सीटें कम हुईं। अब युवा हमारे साथ.... नरेन्द्र मोदी के साथ हैं, वे राष्ट्रवाद पर हमारा समर्थन कर रहे हैं। राज्य में लोकसभा सीटों पर हमें नुकसान नहीं होगा।’’

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पाटीदार आरक्षण आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आप कुछ समय तक समुदाय को भ्रमित कर सकते है, लेकिन लंबे समय तक नहीं... (पाटीदार) प्रदर्शन कांग्रेस द्वारा चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक रूप से प्रेरित था।’’ सौराष्ट्र के अंतर्गत आने वाले अमरेली जिले के कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन सोसा ने दावा किया कि किसान मोदी सरकार के वादों से खुश नहीं हैं क्योंकि फसल के नुकसान से परेशान किसानों के लिए केंद्र सरकार ने कुछ खास नहीं किया है। क्षेत्र में कपास, मूंगफली और अरंडी प्रमुख फसलें हैं। इस वर्ष बारिश की कमी ने फसल उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।

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