कोविड-19: डेल्टा स्वरूप से संक्रमित मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की अशंका दोगुनी

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कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप से संक्रमित लोगों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की जरूरत उन लोगों की तुलना में दोगुनी होती है, जो कोरोना वायरस के शुरुआती स्वरूपों से संक्रमित हुए हैं।

लंदन। कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप से संक्रमित लोगों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की जरूरत उन लोगों की तुलना में दोगुनी होती है, जो कोरोना वायरस के शुरुआती स्वरूपों से संक्रमित हुए हैं। ब्रिटेन के एक नए अध्ययन के निष्कर्षों से यह जानकारी मिली हैं दुनिया भर में शुरुआत में फैले कोविड-19 के अल्फा स्वरूप की तुलना में नया डेल्टा स्वरूप अधिक तेजी से फैलता है, लेकिन अभी यह अस्पष्ट है कि यह अपेक्षाकृत अधिक गंभीर है या नहीं। इसका एक कारण यह है कि डेल्टा स्वरूप का संक्रमण ऐसे समय में फैलना आरंभ हुआ है, जब कई देशों ने वैश्विक महामारी के कारण लागू प्रतिबंधों में ढील दे दी है और जनसंख्या के बड़े हिस्से को टीका नहीं लगा है।

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‘पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड’ के अनुसंधानकर्ताओं ने मार्च से मई के बीच कोविड-19 के 40,000 से अधिक मामलों की अस्पताल में भर्ती मरीजों की दर के संदर्भ में समीक्षा की। इसी अवधि में डेल्टा स्वरूप ब्रिटेन में फैलना शुरू हुआ था। इस अध्ययन के परिणाम स्कॉटलैंड के एक अध्ययन से प्रारंभिक निष्कर्षों से मेल खाते हैं कि डेल्टा स्वरूप के संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस नए अध्ययन में जिन मामलों की समीक्षा की गई, उनमें से दो प्रतिशत से भी कम ऐसे लोग हैं, जिनका पूर्ण टीकाकरण हुआ है। इस अध्ययन के निष्कर्ष ‘द लांसेट इन्फेक्शस डिजीजेस’ में शुक्रवार को प्रकाशित हुए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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