वित्त वर्ष के पहले छह महीने में 52 लाख से अधिक प्रतीक्षा सूची वाले यात्री नहीं कर सके ट्रेन यात्रा’

Indian Railways
प्रतिरूप फोटो

रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, 2019-2020 से 2021-22 तक ट्रेन सेवाओं का लाभ उठाने वाले यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आरटीआई के जवाब में रेलवे ने कहा है कि पिछले पांच वर्षों में, लगभग पांच करोड़ पीएनआर प्रतीक्षा सूची में होने के कारण अपने आप रद्द हो गए।

 नयी दिल्ली|  ट्रेनों के लिये अंतिम आरक्षण चार्ट जारी किये जाने के बाद प्रतीक्षा सूची में शामिल 52 लाख से अधिक यात्री मौजूदा वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में ट्रेनों से यात्रा नहीं कर सके।

एक आरटीआई आवेदन के जवाब में यह जानकारी मिली है। वित्त वर्ष 2021-22 में सितंबर तक 32,50,039 पीएनआर (यात्री नाम रिकॉर्ड) स्वत: रद्द कर दिए गए थे, क्योंकि चार्ट तैयार किये जाने के बाद बाद वे प्रतीक्षा सूची में थे।

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इन पीनएनआर नंबरों पर 52,96,741 यात्रियों की बुकिंग की गयी थी। मध्य प्रदेश के कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दी गई अर्जी पर रेलवे ने यह जानकारी दी है।

वित्त वर्ष 2019-20 में जब नियमित ट्रेनें चल रही थीं, तब करीब 84,61,204 पीएनआर नंबरों को स्वत: रद्द कर दिया गया था क्योंकि चार्ट बनने के बाद वे प्रतीक्षा सूची में थे। इन पीएनआर नंबरों पर लगभग 1.25 करोड़ यात्रियों की बुकिंग थी।

रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, 2019-2020 से 2021-22 तक ट्रेन सेवाओं का लाभ उठाने वाले यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आरटीआई के जवाब में रेलवे ने कहा है कि पिछले पांच वर्षों में, लगभग पांच करोड़ पीएनआर प्रतीक्षा सूची में होने के कारण अपने आप रद्द हो गए।

इनमें 2014-15 में रद्द किए गए पीएनआर की संख्या 1,13,17,481 थी, 2015-2016 में यह संख्या 81,05,022 थी, 2016-2017 में यह 72,13,131 थी, उसके अगले वित्त वर्ष में 73,02,042 और 2018-2019 में यह संख्या 68,97,922 थी। इसमें कहा गया है कि पीएनआर रद्द होने के बाद यात्रियों को टिकट का किराया वापस कर दिया जाता है।

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डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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