चीनी राजनयिक ने कार्बन उत्सर्जन का बचाव किया

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प्रतिरूप फोटो

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भी सम्मेलन में भाग लेने के बजाय अपना लिखित बयान भेजा। झेनहुआ ने इस बात पर फिर से जोर दिया कि चीन को नहीं, बल्कि अमेरिका और अन्य विकसित देशों को जलवायु को नुकसान पहुंचाने वाले उत्सर्जन में कटौती करनी चाहिए।

ग्लासगो|  चीन के वरिष्ठ जलवायु वार्ताकार ने मंगलवार को कहा कि उनका देश विशेष विकास चरण में है ,जिसके चलते वर्तमान में वह जलवायु को नुकसान पहुंचाने वाले जीवाश्म ईंधन प्रदूषण का सबसे बड़ा उत्सर्जक बना हुआ है।

जलवायु मामलों के चीन के विशेष राजनयिक ज़ी झेनहुआ ने ग्लासगो में सीओपी-26 जलवायु शिखर सम्मेलन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह कहा। प्रमुख जलवायु प्रदूषक और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते चीन ने इस बारे में बहुत चर्चा करता रहा था, लेकिन सम्मेलन में उसकी उपस्थिति कम ही नजर आयी।

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चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भी सम्मेलन में भाग लेने के बजाय अपना लिखित बयान भेजा। झेनहुआ ने इस बात पर फिर से जोर दिया कि चीन को नहीं, बल्कि अमेरिका और अन्य विकसित देशों को जलवायु को नुकसान पहुंचाने वाले उत्सर्जन में कटौती करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि चीन पहले से ही जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।

 

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