पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर 4 रुपए का इजाफा, मंत्री बोले- भारी मन से कीमत बढ़ानी पड़ी

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दिनेश शुक्ल । Jul 6 2019 3:30PM

मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार ने भारी मन से पेट्रोल-डीजल के दामों में बढोत्तरी की है। केन्द्र सरकार पर बढ़े हुए दामों की जिम्मेदारी डालते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की यह मजबूरी का हिस्सा है कि पेट्रोल-डीजल के दाम हमें बढ़ाने पड़े हैं।

भोपाल। मध्यप्रदेश के लोगों पर बजट आने के बाद दोहरी मार पड़ी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जहां देश के आम बजट में पेट्रोल-डीजल पर 2-2 रूपए अतिरिक्त सेस लगाने की घोषणा की तो वहीं मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने भी चौबिस घंटे के अंदर ही पेट्रोल-डीजल के दाम बढा दिए हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने भी केन्द्र की भांति पेट्रोल और डीजल  की कीमतों में इजाफा कर दिया। जिसके बाद शनिवार को पेट्रोल के दाम करीब 4.56 पैसे और डीजल के दाम करीब 4.37 पैसे बढ गए।

वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव ने बताया कि अब मध्यप्रदेश में पेट्रोल व डीजल के औसत दाम 79.95 व 71.49 रुपए प्रति लीटर होंगे। उन्होनें बताया कि प्रदेश के हर शहर में वहां की मौजूदा कीमतों के हिसाब से दाम अलग-अलग हो सकते हैं। बढ़े हुए दाम शनिवार सुबह छह बजे से लागू हो गए। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अब एक लीटर पेट्रोल के लिए 78.14 रुपए चुकने पड़ेंगे तो वहीं एक लीटर डीजल के लिए 70.06 रुपए ग्राहक को देने होंगे। जबकि इंदौर में पेट्रोल के दाम अब 78.25 पैसे और डीजल 70.10 पैसे में मिलेगा।

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मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार ने भारी मन से पेट्रोल-डीजल के दामों में बढोत्तरी की है। केन्द्र सरकार पर बढ़े हुए दामों की जिम्मेदारी डालते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की यह मजबूरी का हिस्सा है कि पेट्रोल-डीजल के दाम हमें बढ़ाने पड़े हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के बजट के लगभग तीन हजार करोड़ की कटौती के चलते यह निर्णय लेना पड़ा ताकि व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि मोदी जी को इतनी बड़ी जीत देने का प्रतिसाद जनता को यह मिला। प्रदेश की जनता राज्य सरकार की मजबूरी को समझेगी।

जानकारों के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा टैक्स बढ़ाए जाने का फायदा राज्य सरकार को नहीं हो रहा था। सेस और स्पेशल एक्साइज ड्यूटी से जो राजस्व केंद्र सरकार वसूलती है, उसे राज्य सरकारों को नहीं देती। पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त राजस्व आने के बावजूद जब राज्य सरकार को फायदा होते नहीं दिखा तो उसने अपनी तरफ से टैक्स में इजाफा कर दिया।

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केंद्र सरकार ने शुक्रवार को आम बजट में पेट्रोल और डीजल पर 2-2 रुपए सेस और विशेष एक्साइज ड्यूटी लगाने की घोषणा की थी। इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतें करीब ढ़ाई रुपए बढ़ रही थीं। केंद्र के फैसले के बाद राज्य सरकार ने भी देर रात पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ाने का फैसला किया और दोनों ईंधन पर दो रुपए प्रति लीटर अतिरिक्त शुल्क लगा दिया।

प्रदेश की कमलनाथ सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार से मिलने वाले केंद्रीय करों के हिस्से में 2677 करोड़ों रुपए की कटौती होने के बाद राज्य सरकार ने इसकी भरपाई के लिए यह टैक्स लगाया है। सूत्रों की माने तो 2 रुपए अतिरिक्त शुल्क बढ़ाने से राज्य सरकार को सालाना करीब 700 करोड़ रुपए की आय होगी।

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