प्रधानमंत्री ने Tumakuru में India की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर विनिर्माण इकाई का उद्घाटन किया

PM inaugurates
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अधिकारियों ने कहा कि बेंगलुरु मुख्यालय वाली एचएएल ने गुब्बी तालुक में इस फैक्टरी में 20 वर्षों की अवधि में 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कुल कारोबार के साथ 3-15 टन रेंज के 1,000 से अधिक हेलीकॉप्टर का उत्पादन करने की योजना बनाई है। इस फैक्टरी की आधारशिला 2016 में प्रधानमंत्री ने ही रखी थी। यह फैक्टरी 615 एकड़ में स्थित है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कर्नाटक के तुमकुरु जिले में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की देश की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर विनिर्माण इकाई का उद्घाटन किया। अधिकारियों ने कहा कि बेंगलुरु मुख्यालय वाली एचएएल ने गुब्बी तालुक में इस फैक्टरी में 20 वर्षों की अवधि में 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कुल कारोबार के साथ 3-15 टन रेंज के 1,000 से अधिक हेलीकॉप्टर का उत्पादन करने की योजना बनाई है। इस फैक्टरी की आधारशिला 2016 में प्रधानमंत्री ने ही रखी थी। यह फैक्टरी 615 एकड़ में स्थित है।

शुरुआत में इसमें लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) का उत्पादन होगा। इस केंद्र से भारत हेलीकॉप्टर की अपनी संपूर्ण आवश्यकता को स्वदेशी रूप से पूरा करने में सक्षम बन जाएगा और हेलीकॉप्टर डिजाइन, विकास और निर्माण में आत्मनिर्भरता का गौरव प्राप्त करेगा। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सिंह ने कहा, ‘‘यह एक समर्पित नयी ग्रीनफील्ड हेलीकॉप्टर फैक्टरी है जो हेलीकॉप्टर बनाने के लिए भारत की क्षमता और पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाएगी।’’

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव मई में होने हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने एलयूएच का अनावरण किया, जिसका उड़ान परीक्षण किया गया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार एलयूएच स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित तीन टन वर्ग, एकल इंजन बहुउद्देश्यीय उपयोगिता हेलीकॉप्टर है। शुरू में फैक्ट्री में प्रति वर्ष लगभग 30 हेलीकाप्टर का उत्पादन होगा और चरणबद्ध तरीके से इसे 60 और फिर 90 तक बढ़ाया जा सकता है।

लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और इंडियन मल्टीरोल हेलीकॉप्टर (आईएमआरएच) जैसे अन्य हेलीकॉप्टर के निर्माण के साथ भविष्य में एलसीएच, एलयूएच, सिविल एएलएच एवं आईएमआरएच की मरम्मत के लिए फैक्ट्री का विस्तार किया जाएगा। फैक्टरी में भविष्य में सिविल एलयूएच के निर्यात की भी संभावना है। बेंगलुरु में मौजूदा एचएएल सुविधाओं के साथ पास में फैक्टरी की मौजूदगी से क्षेत्र में एयरोस्पेस विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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