पंचायती राज दिवस पर PM मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की सीधी बात, जानें क्या कुछ कहा

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अभिनय आकाश । Apr 24 2020 12:04PM

पीएम मोदी बोले कि स्वामित्व योजना से ग्रामीणों को एक नहीं अनेक लाभ होंगे। इससे संपत्ति को लेकर भ्रम और झगड़े खत्म होंगे। इससे गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग में मदद मिलेगी। इससे शहरों की तरह गांवों में भी आप बैंकों से लॉन ले सकेंगे।

पंचायती राज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री ने नए ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और ऐप की शुरुआत की। इस पोर्टल के जरिए ग्राम पंचायतों की समस्या, उनसे जुड़ी जानकारी एक जगह पर मौजूद रहेगी। कोरोना वायरस संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सभी ग्राम पंचायतों के प्रमुखों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने भारत में ही मोबाइल बनाने का जो अभियान चलाया है, उसी का परिणाम है कि आज गांव गांव तक कम दामों वाले स्मार्ट फोन पहुंच चुके हैं। ये आज जो इतने बड़े स्तर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस हो रही हैं, ये सब इसी के कारण संभव हो पाया है। गांव के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए आज सरकार द्वारा दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरु किया गए हैं। एक है ई-ग्राम स्वराज। और दूसरे की विशेषता है कि उसके द्वारा हर ग्रामीण के लिए स्वामित्व योजना की शुरुआत। आज लॉन्च हुए ऐप के जरिए ग्राम पंचायतों के फंड, उसके कामकाज की पूरी जानकारी होगी। इसके माध्यम से पार्दशिता भी आएगी और परियोजनाओं के काम में भी तेजी आएगी। 

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पीएम मोदी बोले कि स्वामित्व योजना से ग्रामीणों को एक नहीं अनेक लाभ होंगे। इससे संपत्ति को लेकर भ्रम और झगड़े खत्म होंगे। इससे गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग में मदद मिलेगी। इससे शहरों की तरह गांवों में भी आप बैंकों से लॉन ले सकेंगे। इस कोरोना संकट ने दिखा दिया है कि देश के गांवों में रहने वाले लोगों ने इस दौरान अपने संस्कारों-अपनी परंपराओं की शिक्षा के दर्शन कराए हैं। गांवों से जो अपडेट्स आ रहा है, वो बड़े-बड़े विद्वानों के लिए भी प्रेरणा देने वाला है। आप सभी ने दुनिया को बहुत सरल शब्दों में मंत्र दिया है- ‘दो गज दूरी’ का, या कहें ‘दो गज देह की दूरी’ का। इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है। ये आपके ही प्रयास हैं कि आज दुनिया में चर्चा हो रही है कि कोरोना को भारत ने किस तरह जवाब दिया है। 

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उन्होंने कहा कि इतना बड़ा संकट आया,  इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई, लेकिन इन 2-3 महीनों में हमने ये भी देखा है कि भारत का नागरिक, सीमित संसाधनों के बीच अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाय, उनसे टकरा रहा है, लोहा ले रहा है। ये सही है कि रुकावटें आ रही हैं, परेशानी हो रही है, लेकिन संकल्प का सामर्थ्य दिखाते हुए, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हुए, नए-नए तरीके खोजते हुए, देश को बचाने का और देश को आगे बढ़ाने का काम भी निरंतर जारी है। सरकार और जनता के बीच जब विश्वास होता है तो कितने ही बड़े संकट को हम पार कर लेते हैं। इस बार जो लड़ाई हम जीत रहे हैं, उसका मूल कारण विश्वास है। खुद पर भी विश्वास है और व्यवस्थाओं पर भी विश्वास है। किसान का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। वो हमारा अन्नदाता है और निस्वार्थ भाव से देशवासियों को पेट पालता है। किसान और पशुपालक साथियों ने लॉकडाउन के समय देश को अनाज, दूध, दही, फल की कमी नहीं होने दी।

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