गुजरात में कोविड-19 संकट स्वास्थ्य सेवाओं में खामियों का नतीजा: येचुरी

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येचुरी ने केंद्र पर आंकड़े एवं तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाया एवं कहा कि इससे संकट और गहराया है। उन्होंने कहा, ‘‘आंकड़े एवं तथ्यों को छिपाने की केंद्र की कोशिश से स्वास्थ्य एवं मानवीय संकट बदतर हुआ है।

नयी दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने गुजरात में कोविड-19 महामारी के मरीजों के स्वस्थ होने की निम्नतम दर संबंधी खबर का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में कोरोना वायरस संकट पिछले 25 सालों से गुजरात की स्वास्थ्य सेवाओं में खामियों का नतीजा है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ गुजरात के सारे आंकड़े बताते हैं कि यह संकट पिछले 25 सालों में वहां स्वास्थ्य सेवाओं में दीर्घकालिक खामियों के कारण है। (नरेंद्र) मोदी के गृह राज्य में अवश्य ही इसे दुरूस्त किया जाना चाहिए जहां उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को नष्ट किए जाने की अगुवाई की। 

सभी राज्यों को बेशकीमती जिंदगियां बचाने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य को ऊपर उठाना चाहिए।’’

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गुजरात में कोरोना वायरस के अब तक 2,407 मामले सामने आये हैं और 103 मरीजों की मौत हो गयी है। अधिकारियों ने कहा कि राज्य में हॉटस्पॉट घोषित किये गये क्षेत्रों में सघन निरीक्षण एवं परीक्षण के कारण कोविड-19 के मामले बहुत बढ़े हैं। येचुरी ने केंद्र पर आंकड़े एवं तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाया एवं कहा कि इससे संकट और गहराया है। उन्होंने कहा, ‘‘आंकड़े एवं तथ्यों को छिपाने की केंद्र की कोशिश से स्वास्थ्य एवं मानवीय संकट बदतर हुआ है। अच्छी सूचना महत्वपूर्ण है जबकि हम केंद्रीकरण, पीआर में बहुमूल्य संसाधनों की बर्बादी और सांप्रदायिक घृणा को पनपते देख रहे हैं। यह बिल्कुल अस्वीकार्य है।’’ स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि देश में कोविड-19 के चलते अबतक 686 लोगों की मौत हो चुकी है और इस संक्रमण के मामले 21,700 हो गये।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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