'केम छो, मजा मा...', WHO चीफ घेब्रेयेसस ने गुजराती भाषा में किया सभा को संबोधित, PM मोदी मुस्कुराएं; वीडियो वायरल

Tedros Adhanom Ghebreyesus
ANI
निधि अविनाश । Apr 20 2022 11:57AM

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने वहां मौजूद लोगों का गुजराती भाषा में स्वागत करते हुए कुछा ऐसा कहा जिसे सुनकर खुद पीएम मोदी भी मुस्कुराने लगे। घेब्रेयेसस ने गुजराती में सभा में मौजुद लोगों को केम छो करके संबोधित किया। बता दें कि इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को जामनगर में विश्व स्वास्थ्य संगठन ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की आधारशिला रखी। इस कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस घेब्रेयसस और मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ भी उपस्थित थे। इस दौरान डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने वहां मौजूद लोगों का गुजराती भाषा में स्वागत करते हुए कुछा ऐसा कहा जिसे सुनकर खुद पीएम मोदी भी मुस्कुराने लगे। घेब्रेयेसस ने गुजराती में सभा में मौजुद लोगों को केम छो करके संबोधित किया। बता दें कि इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। 

इस समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि “डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन इस क्षेत्र में भारत के योगदान और क्षमता की मान्यता है। भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली केवल उपचार तक ही सीमित नहीं है। यह जीवन का समग्र विज्ञान है। भारत इस साझेदारी को पूरी मानवता की सेवा के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी के रूप में लेता है,। बता दें कि ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (WHO GCTM) की स्थापना आयुष मंत्रालय और WHO द्वारा की गई है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि मुझे खुशी है कि एक ग्रह हमारा स्वास्थ्य का नारा देकर डब्ल्यूएचओ ने एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के भारतीय दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया है। यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है कि 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में चुना गया है।

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इस बीच, डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, “पारंपरिक दवाओं के उत्पाद विश्व स्तर पर प्रचुर मात्रा में हैं और केंद्र पारंपरिक चिकित्सा के वादे को पूरा करने में एक लंबा सफर तय करेगा। नया केंद्र डेटा, नवाचार और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करेगा और पारंपरिक चिकित्सा के उपयोग को अनुकूलित करेगा। उन्होंने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा के लिए डब्ल्यूएचओ वैश्विक केंद्र वास्तव में एक वैश्विक परियोजना है। इस केंद्र के माध्यम से भारत पारंपरिक चिकित्सा के अपने ज्ञान को दुनिया तक ले जा सकेगा और इसी तरह दुनिया भारत में आएगी। उन्होंने भारत में इस केंद्र की स्थापना में समर्थन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।"

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