PM मोदी बोले- प्रासंगिक होते जा रहे गांधीवादी मूल्य, महात्मा गांधी के विचारों में आज की कई चुनौतियों का जवाब

PM Modi
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अंकित सिंह । Nov 11 2022 4:56PM

अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी से प्रेरित होकर हम आत्मानिर्भर भारत की दिशा में काम कर रहे हैं। महात्मा गांधी चाहते थे कि गांवों का विकास हो। साथ ही वे चाहते थे कि ग्रामीण जीवन के मूल्यों का संरक्षण किया जाए। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच असमानता बनी रही।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दक्षिण भारत के दौरे पर हैं। मोदी गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान डिंडीगुल के 36वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं आज उन सभी महान बुद्धिजीवियों को बधाई देता हूं जिन्होंने आज अपना पाठ्यक्रम पूरा किया है और साथ ही उनके माता-पिता भी जिनके बलिदानों ने आखिरकार इसे संभव बनाया है। उन्होंने कहा कि गांधीग्राम का उद्घाटन स्वयं महात्मा गांधी ने किया था। ग्रामीण विकास के उनके विचारों की भावना को यहां देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि गांधीवादी मूल्य तेजी से प्रासंगिक होते जा रहे हैं। चाहे वह संघर्ष को समाप्त करने के बारे में हो या जलवायु संकट के बारे में, महात्मा गांधी के विचारों में आज की कई चुनौतियों का जवाब है। 

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अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी से प्रेरित होकर हम आत्मानिर्भर भारत की दिशा में काम कर रहे हैं। महात्मा गांधी चाहते थे कि गांवों का विकास हो। साथ ही वे चाहते थे कि ग्रामीण जीवन के मूल्यों का संरक्षण किया जाए। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच असमानता बनी रही। लेकिन आज देश इसे सुधार रहा है। उन्होंने कहा कि खादी महात्मा के दिल के बहुत करीब रही। और आज यह काफी लोकप्रिय हो गया है। पिछले 8 वर्षों में खादी की बिक्री में 300 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। KVIC ने पिछले साल 1 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड कारोबार दर्ज किया है।

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मोदी ने कहा कि गांधी जी के लिए उचित स्वच्छता सुनिश्चित करना एक चिंता थी। इस दिशा में हमारी सरकार ने पूर्ण ग्रामीण स्वच्छता कवरेज, 6 करोड़ से अधिक नल के पानी के कनेक्शन और 2.5 करोड़ से अधिक बिजली कनेक्शन प्रदान किए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य युवाओं की 'कैन डू' पीढ़ी के हाथों में है। आज स्नातक करने वाले युवाओं को मेरा संदेश है कि आप नए भारत के निर्माता हैं। उन्होंने कहा कि सतत कृषि ग्रामीण क्षेत्रों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। प्राकृतिक खेती के लिए बहुत उत्साह है क्योंकि यह उर्वरक आयात पर देश की निर्भरता को कम करता है। यह मिट्टी और इंसानों के स्वास्थ्य दोनों के लिए भी अच्छा है।

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