पीएम मोदी ने बताया, लोकसभा चुनाव के अंत में क्यों गए थे केदारनाथ
मोदी ने कहा कि लोग, देश और समाज के सामने खड़ी चुनौतियों को सामने रखते हैं तो उसके साथ-साथ समाधान भी बताते हैं। उन्होंने देखा है कि चिट्ठियों में लोग समस्याओं का तो वर्णन करते ही हैं लेकिन ये भी विशेषता है कि साथ-साथ, समाधान के लिए भी, कुछ-न-कुछ सुझाव, कुछ-न-कुछ कल्पना, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में प्रगट कर देते हैं ।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के अंत में अपनी केदारनाथ धाम की यात्रा का जिक्र करते हुए रविवार को कहा कि चुनाव की आपाधापी में बहुत से लोगों ने इसके राजनीतिक मायने निकाले लेकिन यह आध्यात्मिक यात्रा मेरे लिए स्वंय से मिलने का अवसर थी। लोगों के साथ मौन संवाद था। प्रधानमंत्री ने नयी सरकार के गठन के बाद आकाशवाणी पर प्रसारित पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि उन्हें कई सारे सन्देश पिछले कुछ महीनों में प्राप्त हुए हैं। इनमें लोगों ने कहा कि वो ‘मन की बात’का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जब वे ऐसी बातें पढ़ते और सुनते हैं तो उन्हें काफी अच्छा लगता है और वे अपनापन महसूस करते हैं। मोदी ने कहा कि कभी-कभी मुझे उन्हें यह लगता है कि यह उनकी स्व से समष्टि की यात्रा है। यह उनकी अह्म से व्यं की यात्रा है। उनके लिए लोगों के साथ मौन संवाद और एक प्रकार से उनकी आध्यात्मिक यात्रा की अनुभूति का भी अंश था।
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बहुत सारे लोग सवाल पूछते हैं कि चुनाव की आपाधापी के बीच मैं केदारनाथ क्यों चला गया। ज्यादातर लोगों ने उसके राजनीतिक अर्थ निकाले। मेरे लिये वो मुझसे मिलने का अवसर था। एक प्रकार से मैं मुझे मिलने चला गया था : पीएम @narendramodi #MannKiBaat pic.twitter.com/K6EpousZ4G
— BJP (@BJP4India) June 30, 2019
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