लोकप्रियता के मामले में अभी भी शिखर पर पीएम मोदी, कोरोना महामारी के बाद भी बढ़ा कद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार अपने 8 साल पूरे कर रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई जन कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की गई है जिसका लाभ सीधे गरीबों को हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार 8 साल पूरे कर रही है। हालांकि कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता एक बार फिर से शिखर पर पहुंच गई है। लेकिन यह बात भी सच है कि वर्तमान में आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें और बेरोजगारी देश के लिए बहुत बड़ी चिंता है। इन सभी बातों का खुलासा एक सर्वे में हुआ है। एनडीए सरकार की अप्रूवल रेटिंग कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से वर्तमान पर अपने शिखर पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार अपने 8 साल पूरे कर रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई जन कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की गई है जिसका लाभ सीधे गरीबों को हो रहा है।
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लोकल सर्कल्स की ओर से एक सर्वे कराया गया है। इसमे 64000 सैंपल साइज है। इनमें से 67 फ़ीसदी लोगों के अनुसार मोदी सरकार दूसरे कार्यकाल में भी आम जनता की उम्मीदों पर खरी उतरी है। सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनके दूसरे कार्यकाल को पहले के मुकाबले ज्यादा बेहतर बताया है। जब 2020 में कोरोना महामारी की शुरुआत हुई थी तब मोदी सरकार की लोकप्रियता 51 फ़ीसदी पर थी। हालांकि दूसरी लहर के बावजूद भी अप्रूवल रेटिंग बढ़कर 62 फ़ीसदी हो गई है। जो कि यह बताने के लिए काफी है कि कोरोना महामारी के बाद भी मोदी सरकार की लोकप्रियता बरकरार है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान विपक्ष यह दावा कर रहा था कि सरकार ने इसके लिए कोई तैयारी नहीं की थी। दूसरी लहर में मृतकों की संख्या में वृद्धि देखने को मिली थी। इसके अलावा महामारी भी गांवों तक फैल गया था।
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लोगों को इस बात की भी उम्मीद है कि अगर कोरोना महामारी के तीसरी लहर आती है तो मोदी सरकार इससे बेहतर तरीके से निपटने के लिए तैयार है। लोगों ने दावा किया कि महामारी के बावजूद भी सरकार ने अर्थव्यवस्था को प्रभावी अंग से संभाला है। हालांकि बेरोजगारी को लेकर लोगों ने अपनी चिंता व्यक्त की है और 45 फ़ीसदी का दावा है कि इस मुद्दे को हल करने में फिलहाल भारत सक्षम नहीं है। 73 फ़ीसदी ने कहा कि वह भारत में अपने और अपने परिवारों को के भविष्य को लेकर आशावादी हैं। वहीं 44 फ़ीसदी लोगों का कहना है कि एयर क्वालिटी में सुधार और प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार की ओर से कोई पर्याप्त कदम अब तक नहीं उठाए गए हैं।
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