भगोड़े आर्थिक अपराधियों को PM मोदी का सख्त संदेश; देश लौट आएं, कोई और चारा नहीं

हाल ही में गठित राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एनएआरसीएल) भी दो लाख करोड़ रुपये की दबावग्रस्त परिसंपत्तियों के निपटान में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में उनकी सरकार आने के बाद से बैंकों की सेहत काफी सुधरी है।
हाल ही में गठित राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एनएआरसीएल) भी दो लाख करोड़ रुपये की दबावग्रस्त परिसंपत्तियों के निपटान में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में उनकी सरकार आने के बाद से बैंकों की सेहत काफी सुधरी है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय बैंक देश की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार करने के लिए अब मजबूत स्थिति में हैं। इससे भारत के आत्मनिर्भर बनने की राह आसान होगी।’’ इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने बैंकों से धन-संपत्ति एवं रोजगार के अवसर पैदा करने वालों को ऋण देने में सक्रियता दिखाने को भी कहा। उन्होंने कहा कि बैंकों को अपने साथ देश के भी ‘बही-खाते’ को सुधारने के लिए सक्रियता से काम करना होगा। मोदी ने कहा कि बैंकों को कारोबार क्षेत्रों के फलने-फूलने में मदद के लिए अब पुरानी संस्कृति का त्याग कर कर्ज की मंजूरी देने वाले की सोच से खुद को अलग करना होगा। उन्होंने बैंकों को कारोबार जगत के साथ भागीदार का मॉडल अपनाने की सलाह भी दी। उन्होंने पिछले छह-सात वर्षों में अपनी सरकार द्वारा किए गए सुधारों से बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति मजबूत होने की बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘हमने बैंकों की एनपीए समस्या का समाधान निकाला है, बैंकों में नई पूंजी डाली है, दिवाला संहिता लेकर आए हैं और ऋण वसूली न्यायाधिकरण को सशक्त किया है।’’सरकार ने बीते 6-7 वर्षों में बैंकिंग सेक्टर में जो सुधार किए, बैंकिंग सेक्टर का हर तरह से सपोर्ट किया, उस वजह से आज देश का बैंकिंग सेक्टर बहुत मज़बूत स्थिति में है: PM मोदी, दिल्ली में 'निर्बाध ऋण प्रवाह और आर्थिक विकास के लिए तालमेल बनाने' पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए pic.twitter.com/lGflgrxSvm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 18, 2021
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प्रधानमंत्री ने बैंकरों को कंपनियों और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए उनकी जरूरत के हिसाब से समाधान मुहैया कराने को भी कहा। उन्होंने कहा, ‘‘आप ग्राहकों के बैंक आने का इंतजार न करें। आपको उनके पास जाना होगा।’’ प्रधानमंत्री ने बैंकों को बड़ी सोच एवं नवाचारी रवैये के साथ आगे बढ़ने की सलाह देते हुए कहा कि फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी) को अपनाने में अगर देर करते हैं, तो हम पीछे छूट जाएंगे। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त, 2022 तक हरेक बैंक शाखा में कम-से-कम 100 ऐसे ग्राहक होने चाहिए जो अपना समूचा कारोबार डिजिटल ढंग से कर रहे हों। प्रधानमंत्री ने पिछले पांच वर्षों में बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) सबसे कम होने और बैंकों के पास समुचित नकदी होने का जिक्र करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद बैंकिंग क्षेत्र चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में मजबूत बना रहा। इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने इस क्षेत्र का परिदृश्य भी सुधारा है।
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