प्रधानमंत्री कुछ भी कहें, सब जानती है जनता: सचिन पायलट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कांग्रेस पर निशाना साधे जाने पर पलटवार करते हुए राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि अब मोदी की सभाओं से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कांग्रेस पर निशाना साधे जाने पर पलटवार करते हुए राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि अब मोदी की सभाओं से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है क्योंकि राज्य की जनता सब जानती है और चुनाव से चार महीने पहले ही कांग्रेस के पक्ष में अपना मन बना चुकी है। पायलट ने यहां संवाददताओं से कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कुछ ठोस नहीं कहा क्योंकि केंद्र और राजस्थान की सरकार के पास बताने के लिए कुछ नहीं है। चुनाव में चार महीने से पहले हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की बात की गई। चार महीने पहले की गई घोषणा से क्या होने वाला है।’
उन्होंने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर तंज कसते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री ने आधे मन से मुख्यमंत्री की तारीफ की। जब मुख्यमंत्री को लगा कि अब उनके कार्यक्रमों में भीड़ नहीं आ रही है तो उन्होंने प्रधानमंत्री की सभा कराई। लेकिन इससे कुछ नहीं होने वाला है क्योंकि जनता सब जानती है और अपना मन बना चुकी है।’ पायलट ने कहा, ‘प्रधानमंत्री की आज की सभा के लिए सरकार के सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च किए गए। जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग किया गया। पूरी सरकारी मशीनरी और राज्य सरकार के कर्मचारियों को इस रैली के लिए लगा दिया गया था।’
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने की केंद्र सरकार की घोषणा पर पायलट ने कहा, ‘एमएसपी पर सरकार की घोषणा भ्रमित करने वाली है। किसानों की हालत खराब है। उनकी उपज बिक नहीं रही है। किसान बाजार मूल्य से कम पर अपनी उपज बेचने को मजबूर है। सरकार किसानों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।’ बाड़मेर रिफाइनरी के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के समय इसका शिलान्यास किया गया था। इसको पिछले साढ़े चार से लटकाये रखा गया है। इसका प्रधानमंत्री ने फिर से शिलान्यास किया। इस पर प्रधानमंत्री लोगों को सच नहीं बता रहे हैं।’
कांग्रेस पर सेना पर सवाल खड़े करने संबंधी प्रधानमंत्री के आरोप पर पायलट ने कहा, ‘सेना का सबसे ज्यादा सम्मान कांग्रेस करती है। हमने कई बार पाकिस्तान के दांत खट्टे किए। मैं यह कहना चाहता हूं कि सेना को राजनीति में नहीं खींचना चाहिए। सेना किसी दल या व्यक्ति की नहीं, बल्कि देश की है।’
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