सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने वाले नेताओं के बचाव में पुलिस!
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष दाखिल अपनी स्थिति रिपोर्ट में पुलिस ने कहा कि कथित अपमानजनक बयान जिस इलाके में दिये गये वह अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
दिल्ली पुलिस ने यहां की एक अदालत से कहा है कि पिछले साल सेना की सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सवाल उठाये जाने पर राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल सहित छह व्यक्तियों के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई उसके (अदालत के) अधिकार क्षेत्र में नहीं है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गगनदीप सिंह के समक्ष दाखिल अपनी स्थिति रिपोर्ट में पुलिस ने कहा कि कथित अपमानजनक बयान जिस इलाके में दिये गये वह अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
बहरहाल, शिकायतकर्ता के वकील रक्षपाल सिंह ने स्थिति रिपोर्ट का विरोध जताते हुए कहा कि अगर अपराध कहीं और हुआ था तो किसी अन्य जगह पर ‘जीरो एफआईआर’ दर्ज कराया जा सकता था और बाद में आगे की जांच के लिये इसे संबंधित पुलिस थाना में भेज दिया जाता। उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई पर वह अपनी दलील के समर्थन में कई फैसलों का जिक्र करेंगे। अदालत ने कहा, ‘‘स्थिति रिपोर्ट (पुलिस की) दाखिल की गयी है। दलीलों के लिये 22 मार्च की तारीख तय की गयी है।’’
पूर्वी दिल्ली के निवासी प्रवेश कुमार की ओर से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस नेताओं- दिग्विजय सिंह एवं संजय निरूपम, दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा और अभिनेता ओम पुरी सहित छह लोगों के खिलाफ दर्ज एक शिकायत पर अदालत में सुनवाई हो रही थी। ओमपुरी के निधन के कारण पुलिस ने शिकायत से उनका नाम हटाने की भी मांग की।
इससे पहले अदालत ने पुलिस को शिकायत के आधार पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। शिकायत में आरोप है कि इन छह लोगों ने सेना की सर्जिकल स्ट्राइक को गलत और राजनीति से प्रेरित बताया था और उनके इस बयान से सेना के साथ साथ देश की छवि को नुकसान पहुंचा है।
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