Prabhasakshi's Newsroom। कानून वापसी की टाइमिंग पर उठ रहे सवाल । विपक्षी दलों पर बरसे PM मोदी

PM Modi Farm laws

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महोबा से अपने तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश दौरे की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने महोबा, हमीरपुर, बांदा व ललितपुर में 3,240 करोड़ रुपए की अर्जुन सहायक परियोजना, भावनी बांध परियोजना, रतौली बांध परियोजना, मसगांव-चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना का लोकार्पण किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह सबेरे राष्ट्र के नाम संबोधन देने के बाद उत्तर प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे के लिए महोबा पहुंचे। जहां पर उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इतना ही नहीं उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्षियों पर जमकर निशाना साधा और कहा कि किसानों को हमेशा समस्याओं में उलझाए रखना ही कुछ राजनीतिक दलों का आधार रहा है। ये समस्याओं की राजनीति करते हैं और हम समाधान की राष्ट्रनीति करते हैं। हम बात विपक्षियों की टिप्पणियों पर भी करेंगे। जो कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद सामने आईं हैं। कुछ नेताओं ने तो इसकी टाइमिंग पर ही सवाल खड़ा कर दिया और अंत में बात तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की करेंगे। जिन्होंने भावुक होगा बहुत बड़ा संकल्प ले लिया है। 

इसे भी पढ़ें: कृषि कानूनों को वापस लेने के कदम से राष्ट्र विरोधी, अलगाववादी तत्वों की मंशा हुई विफल: एसजेएम 

विकास के काम नहीं रुकेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महोबा से अपने तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश दौरे की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने महोबा, हमीरपुर, बांदा व ललितपुर में 3,240 करोड़ रुपए की अर्जुन सहायक परियोजना, भावनी बांध परियोजना, रतौली बांध परियोजना, मसगांव-चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना का लोकार्पण किया। इसके बाद उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि महोबा की ऐतिहासिक धरती पर आकर एक अलग ही अनुभूति होती है।

उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले मैंने महोबा से ही देश की मुस्लिम बहनों से वादा किया था कि मैं उन्हें तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्ति दिलाऊंगा। ये वादा भी पूरा हो चुका है। वहीं विपक्षियों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक शासन करने वालों ने बारी-बारी से बुंदेलखंड को उजाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां के जंगलों, संसाधनों को कैसे माफिया के हवाले किया गया, ये किसी से छिपा नहीं है। लेकिन अब इन्हीं माफियाओं पर बुलडोजर चल रहा है, तो कुछ लोग हाय-तौबा मचा रहे हैं। ये लोग कितनी भी तौबा मचा लें, यूपी के विकास के काम, बुंदेलखंड के विकास के काम रुकने वाले नहीं हैं। 

इसे भी पढ़ें: किसानों पर सरकार ने बरसाई थी लाठियां, उन्हें आंदोलनजीवी और देशद्रोही कहा गया: प्रियंका 

कृषि कानूनों पर क्या बोले नेता ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया। जिसके बाद मिली जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मुझे दुख है कि हम कुछ किसानों को इन कानूनों के लाभ के बारे में समझाने में सफल नहीं हुए। प्रधानमंत्री ने हमेशा इन कानूनों के जरिये कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने की कोशिश की। लेकिन ऐसी स्थिति पैदा हो गई कि कुछ किसानों को इन कानूनों में दिक्कतें दिखाई दीं।

गृह मंत्री अमित शाह ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि कृषि कानूनों से जुड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐलान स्वागत योग्य और एक राजनेता की तरह उठाया गया कदम है। जैसा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत सरकार हमारे किसानों की सेवा करती रहेगी और उनके प्रयासों का हमेशा समर्थन करेगी। वहीं, अकाल तख्त के 30वें जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि हमारी चिंता यह है कि कुछ लोगों ने इस आंदोलन को सिख बनाम भारत सरकार के रूप में चित्रित करने की कोशिश की है। इतना ही नहीं इसे सिख बनाम हिंदुओं के रूप में चित्रित करने का प्रयास किया है। वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। 

इसे भी पढ़ें: 'मोदी जी ने दिखाया बड़प्पन', राज्यपाल मलिक ने कहा- देर आए, दुरुस्त आए 

विधानसभा सदन नहीं जाएंगे चंद्रबाबू नायडू

तेलुगू देशम पार्टी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू अपने ऊपर हुई अभद्र टिप्पणियों को लेकर भावुक हो गए। जिसके बाद उन्होंने संकल्प लिया कि सत्ता में लौटने तक वह आंध्र प्रदेश विधानसभा सदन में कदम नहीं रखेंगे। दरअसल, भावुक हुए नेता विपक्ष ने सदन में कहा कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों द्वारा उनके खिलाफ लगातार इस्तेमाल किए जा रहे अपशब्दों से वह आहत हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल से मैं अपमान सह रहा हूं लेकिन शांत रहा। आज उन्होंने मेरी पत्नी को भी निशाना बनाया है। मैं हमेशा सम्मान के लिए और सम्मान के साथ रहा। मैं इसे और नहीं सह सकता। विधानसभा अध्यक्ष तम्मिनेनी सीताराम ने जब उनका माइक संपर्क काट दिया, तब भी नायडू ने बोलना जारी रखा। हालांकि सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने चंद्रबाबू नायडू की टिप्पणी को नाटक करार दिया।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़