प्रसार भारती ने खत्म किया PTI और UNI का सब्सक्रिप्शन, जानें पूरा मामला

Prasar Bharati
अभिनय आकाश । Oct 17 2020 5:42PM

प्रसार भारती ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया और यूनिइटेड न्यूज ऑफ इंडिया न्यूज एजेंसी को पत्र लिखकर अपना सब्सक्रिप्शन रद्द करने की जानकारी दी है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने प्रसार भारती बोर्ड के इस फ़ैसले पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार और उनकी एजेंसियों ने मीडिया से बदला लेने की नीयत से यह काम किया।

प्रसार भारती ने एक बैठक में दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के पीटीआई के साथ और यूनिइटेड न्यूज ऑफ इंडिया के साथ सब्सक्रिप्शन को खत्म करने का फैसला किया। प्रसार भारती के इस फैसले के बाद से ही मीडिया के एक वर्ग द्वारा इस कदम को बदले की भावना के रुप में देखा जाने लगा। साथ ही ये दलील दी जाने लगी की पीटीआई द्वारा भारत में चीन के राजदूत के साक्षात्कार के बाद से ही पीटीआई को लेकर कोई कदम उठाने की तैयारी थी।

चीन के राजदूत का साक्षात्कार

पीटीआई ने चीनी राजदूत सून विडोंग का एक इंटरव्यू किया था, जिसमें उन्होंने भारत-चीन हिंसक गतिरोध के लिए भारत को दोषी ठहराया था, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इस पूरे इंटरव्यू में चीनी राजदूत से केवल तीन सवाल पूछे गए थे जिसमें चीनी राजदूत ने दोनों देशों के बीच गलवान घाटी में हुई झड़प के लिए भारत को दोषी ठहराया था। इंटरव्यू छपने के बाद कई लोगों ने इस बात पर आपत्ति जताई की पीटीआई के रिपोर्टर ने तीखे सवाल क्यों नहीं पूछे? कई लोगों ने तो इसे एक इंटरव्यू के बजाय चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज़ तक बता दिया था।

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प्रसार भारती ने जताया था कड़ा ऐतराज

इस साल जून महीने में प्रसार भारती ने पीटीआई को राष्ट्र विरोधी बताया था। इस संबंध में प्रसार भारती ने शनिवार, 27 जून को एक पत्र भेजकर कहा कि “पीटीआई की न्यूज़ रिपोर्टिंग राष्ट्र हित में नहीं है। इसके संचालन को लेकर संपूर्णता में चीज़ों को देखा जा रहा है।”प्रसार भारती  ने इस पत्र में ये भी कहा है कि वो पीटीआई से अपने संबंधों को आगे जारी रखने को लेकर समीक्षा कर रहा है और इस संदर्भ में जल्द ही फ़ैसले से अवगत करा दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रसार भारती ने एक अफ़सर ने कहा था, 'पीटीआई की राष्ट्र विरोधी रिपोर्टिंग की वजह से यह स्वीकार्य नहीं है कि उसके साथ संबंध बरक़रार रखा जाए। 

PTI-UNI के साथ संबंध ख़त्म किए

प्रसार भारती ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया और यूनिइटेड न्यूज ऑफ इंडिया न्यूज एजेंसी को पत्र लिखकर अपना सब्सक्रिप्शन रद्द करने की जानकारी दी है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि प्रसार भारती ने 15 अक्टूबर को लिखे पत्र में पीटीआई और यूएनआई को बताया कि उसके बोर्ड ने अंग्रेजी भाषा और अन्य मल्टीमीडिया सेवाओं के लिए डिजिटल सब्सक्रिप्शन हेतु सभी घरेलू न्यूज एजेंसीज से नए प्रस्ताव (बोलियां) मंगवाने का फैसला किया है। प्रसार भारती समाचार सेवा एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म के प्रमुख समीर कुमार द्वारा हस्ताक्षर किए गए पत्र में कहा गया, ‘प्रसार भारती द्वारा अधिसूचित किए जाने के बाद पीटीआई भी इसमें हिस्सा ले सकता है।’ इसके अलावा ‘यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया’ को पत्र भेजकर भी यह जानकारी दी गई है कि नए प्रस्तावों को आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने व्यक्त की चिंता

एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने प्रसार भारती बोर्ड के इस फ़ैसले पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार और उनकी एजेंसियों ने मीडिया से बदला लेने की नीयत से यह काम किया है। 

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