BJP के साथ गठबंधन पर प्रशांत किशोर ने नीतीश को दिखाया आईना, JDU नाराज

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[email protected] । Mar 8 2019 8:00PM

राजद प्रमुख लालू प्रसाद के छोटे बेटे और राज्य के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों ने नीतीश को असहज किया और उन्होंने आखिरकार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया।

पटना। जद (यू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा है कि वह भाजपा के साथ दोबारा गठजोड़ करने के अपनी पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार के तरीके से सहमत नहीं हैं और महागठबंधन से निकलने के बाद भगवा पार्टी नीत राजग में शामिल होने के लिये बिहार के मुख्यमंत्री को आदर्श रूप से नए सिरे से जनादेश हासिल करना चाहिये था। चुनावी रणनीतिकार से नेता बने किशोर ने एक समाचार पोर्टल के साथ साक्षात्कार में यह बात कही। पोर्टल ने गुरुवार को एक घंटे से अधिक का वीडियो अपलोड किया। किशोर के बयान से उनकी अपनी ही पार्टी में नाराजगी है क्योंकि यह साक्षात्कार शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वाइरल हो गया। बहरहाल, साक्षात्कार में किशोर ने इस बात को रेखांकित किया कि नेताओं का पाला बदलना कोई नयी बात नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘आप चंद्रबाबू नायडू, नवीन पटनायक और द्रमुक जैसी पार्टियों को देखें। पीछे की ओर देखें तो हमारे पास वी पी सिंह सरकार का भी उदाहरण है। इसे भाजपा और वाम दलों दोनों ने समर्थन दिया था।’’

किशोर ने कहा कि महागठबंधन से जुलाई 2017 में अलग होने का नीतीश का फैसला सही था या नहीं इसे मापने का कोई पैमाना नहीं है। महागठबंधन में राजद और कांग्रेस भी शामिल थी। उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग उनमें (नीतीश) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने की संभावना देखते थे, वे इस कदम से निराश हुए। लेकिन जिन लोगों की यह राय थी कि उन्होंने मोदी से मुकाबला करने के उत्साह में शासन से समझौता करना शुरू कर दिया, वो सही महसूस करेंगे।’’ उस प्रकरण पर टिप्पणी करने को कहे जाने पर किशोर ने कहा, ‘‘बिहार के हितों को ध्यान में रखते हुए मेरा मानना है कि यह सही था। लेकिन जो तरीका अपनाया गया उससे मैं सहमत नहीं हूं। मैंने ऐसा पहले भी कहा है और मेरी अब भी यह राय है कि भाजपा नीत गठबंधन में लौटने का फैसला करने पर उन्हें आदर्श रूप में नया जनादेश हासिल करना चाहिये था।’’ किशोर ने 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम किया था। उस चुनाव में नीतीश महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे। 

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राजद प्रमुख लालू प्रसाद के छोटे बेटे और राज्य के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों ने नीतीश को असहज किया और उन्होंने आखिरकार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। लेकिप नाटकीय घटनाक्रम में भाजपा के समर्थन कर देने से उन्होंने 24 घंटे के भीतर फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। किशोर के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजद विधायक और पार्टी की बिहार इकाई के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा, ‘‘जद (यू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का बयान हमारे आरोपों को स्वीकार करने के समान है। नीतीश को महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर जनादेश मिला था, जिसमें राजद और कांग्रेस भी शामिल थी। उनका नये सिरे से जनादेश मांगे बिना राजग में चले जाने का कदम महागठबंधन की पीठ में छुरा घोंपने के समान है।’’ जद (यू) पार्षद और पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने किशोर को यह याद दिलाने की कोशिश की कि वह राजनीति में अभी नये-नये आए हैं। किशोर को पिछले साल सितंबर में पार्टी में शामिल किया गया था और कुछ सप्ताह के बाद उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था।

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