राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सासन-गिर में आदिवासी सिद्दी समुदाय के साथ बातचीत की

सरकारी शिक्षक अशरफ उस्मान ने मुर्मू को सिद्दी समुदाय की उत्पत्ति के बारे में बताया कि किस प्रकार सरकारी हस्तक्षेप और योजनाओं से पिछले कुछ वर्षों में उनके जीवन में सुधार आया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को गुजरात के जूनागढ़ जिले में सिद्दी समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत की। सिद्दी समुदाय अफ्रीकी मूल वाला एक जनजातीय समूह है।
गिर वन्यजीव अभयारण्य के सासन गांव में आयोजित कार्यक्रम में मुर्मू ने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्हें शिक्षा प्रदान करें और प्रगति हासिल करने हेतु सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं। अपनी गुजरात यात्रा के दूसरे दिन राष्ट्रपति दोपहर बाद सासन-गिर पहुंचीं और गिर राष्ट्रीय उद्यान में शेर सफारी का आनंद लिया, जो एशियाई शेरों का एकमात्र निवास स्थान है।
बाद में शाम को उन्होंने राष्ट्रीय उद्यान के मुख्यालय सासन-गिर स्थित सिंह सदन में सिद्दी समुदाय के कुछ सदस्यों से बातचीत की। सिद्दी समुदाय एक भारत-अफ्रीकी समूह है जो पूर्वी अफ्रीकियों के वंशज हैं।
इन्हें दासों, सैनिकों और नाविकों के रूप में उपमहाद्वीप में लाया गया था और अब उन्हें अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त है। गुजरात में उनमें से अधिकतर लोग राष्ट्रीय उद्यान के निकटवर्ती गांवों में बसे हुए हैं।
देवलिया पार्क में ‘इको-टूरिज्म’ गाइड के रूप में काम करने वाली सिद्दी महिला हसीना मकवाना ने मुर्मू को बताया कि वह और उनके पति अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त कमाई कर लेते हैं।
हसीना मकवाना ने राष्ट्रपति से कहा, ‘‘ मुझे हर महीने 12,000 रुपये मिलते हैं, जिससे मेरा खर्च चलता है और मेरे दो बच्चों की पढ़ाई भी चलती है। मेरे पति एक सिद्दी नृत्य समूह के सदस्य हैं जो पर्यटकों का मनोरंजन करता है।एक गाइड के रूप में मैं पर्यटकों को जानवरों और पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में जानकारी प्रदान करती हूं।’’
सरकारी शिक्षक अशरफ उस्मान ने मुर्मू को सिद्दी समुदाय की उत्पत्ति के बारे में बताया कि किस प्रकार सरकारी हस्तक्षेप और योजनाओं से पिछले कुछ वर्षों में उनके जीवन में सुधार आया है। मुर्मू ने अपनी संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए सिद्दी समुदाय की सराहना भी की।
अन्य न्यूज़












