उपराष्ट्रपति नायडू बोलें, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कामगार हैं देश की श्रमशक्ति
उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कामगारों को देश की श्रमशक्ति बताते हुये सरकार से रोजगार के अवसरों के सृजन की राह और औद्योगिक उपक्रमों के संचालन की राह
नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कामगारों को देश की श्रमशक्ति बताते हुये सरकार से रोजगार के अवसरों के सृजन की राह और औद्योगिक उपक्रमों के संचालन की राह में बाधक बनने वाले नियमों को दुरुस्त करने की जरूरत पर बल दिया। नायडू ने आज यहां प्रधानमंत्री श्रम सम्मान समारोह में कहा ‘हम रोजगार के अवसरों के सृजन की राह में बाधक बनने वाले नियमों के साथ नहीं रह सकते हैं। इसलिये सरकार को श्रमिकों की चिंतायें, जरूरतें और अपेक्षाओं को यथाशीघ्र को पूरा करते हुये रोजगार सृजन और औद्योगिक इकाईयों के संचालन को जटिल बनाने वाले नियमों को यथाशीघ्र दुरुस्त करना चाहिये।’
उन्होंने कहा कि देश के अधिसंख्य श्रमिक वर्ग का शैक्षिक स्तर बेहतर करने की जरूरत है जिससे उन्हें संबद्ध क्षेत्र में बेहतर प्रशिक्षण मुहैया कराते हुये कार्य की गुणवत्ता को बेहतर किया जा सके। इस दौरान उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपने श्रमिक कौशल का बेहतर प्रदर्शन करने वाले देश भर के 300 कामगारों को प्रधानमंत्री श्रम सम्मान से नवाजा। इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री संतोष गंगवार भी मौजूद थे।
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