उपराष्ट्रपति नायडू बोलें, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कामगार हैं देश की श्रमशक्ति

Public and private sector rules to be amend , says Venkaiah Naidu
[email protected] । Feb 26 2018 3:38PM

उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कामगारों को देश की श्रमशक्ति बताते हुये सरकार से रोजगार के अवसरों के सृजन की राह और औद्योगिक उपक्रमों के संचालन की राह

नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कामगारों को देश की श्रमशक्ति बताते हुये सरकार से रोजगार के अवसरों के सृजन की राह और औद्योगिक उपक्रमों के संचालन की राह में बाधक बनने वाले नियमों को दुरुस्त करने की जरूरत पर बल दिया। नायडू ने आज यहां प्रधानमंत्री श्रम सम्मान समारोह में कहा ‘हम रोजगार के अवसरों के सृजन की राह में बाधक बनने वाले नियमों के साथ नहीं रह सकते हैं। इसलिये सरकार को श्रमिकों की चिंतायें, जरूरतें और अपेक्षाओं को यथाशीघ्र को पूरा करते हुये रोजगार सृजन और औद्योगिक इकाईयों के संचालन को जटिल बनाने वाले नियमों को यथाशीघ्र दुरुस्त करना चाहिये।’

उन्होंने कहा कि देश के अधिसंख्य श्रमिक वर्ग का शैक्षिक स्तर बेहतर करने की जरूरत है जिससे उन्हें संबद्ध क्षेत्र में बेहतर प्रशिक्षण मुहैया कराते हुये कार्य की गुणवत्ता को बेहतर किया जा सके। इस दौरान उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपने श्रमिक कौशल का बेहतर प्रदर्शन करने वाले देश भर के 300 कामगारों को प्रधानमंत्री श्रम सम्मान से नवाजा। इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री संतोष गंगवार भी मौजूद थे।

उपराष्ट्रपति ने देश के विकास में श्रमिकों की अग्रणी भूमिका का हवाला देते हुये कामगारों को सम्मानित करने की इस पहल को सार्थक बताया। उन्होंने कामगारों को देश की विकास शक्ति (ग्रोथ ड्राइविंग पावर)बताते हुये कहा कि श्रमिकों को सम्मानित करने का यह अवसर सही मायने में ‘जीडीपी पर्व’ है। इससे श्रमिक वर्ग में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। नायडू ने कहा कि आर्थिक विकास की ओर तेजी से बढ़ता भारत दुनिया की उम्मीद बन गया है। 

 

दुनिया की इस उम्मीद पर खरा उतरने और भारतीय अर्थव्यवस्था के पहियों को निरंतर गतिशील बनाये रखने में करोड़ों श्रमिक के दिन रात काम करने की सच्चाई को नरजरंदाज नहीं किया जा सकता है। उपराष्ट्रपति ने श्रमिकों के कौशल प्रशिक्षण को उन्नत करने के लिये विभिन्न संबद्ध एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल कायम करने की जरूरत पर बल देते हुये कहा कि इसमें निजी क्षेत्र के कामगारों की भागीदारी को बढ़ाना अनिवार्य है।

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