लोया मामले में RSS-BJP से जुड़े व्यक्ति ने दायर की थी जनहित याचिका: सिब्बल

Public interest litigation filed by RSS-BJP person in case of Loya case: Sibal
[email protected] । Apr 26 2018 6:50PM

सिब्बल ने मराठी भाषा में आडियो जारी कर कहा, ‘‘साफ जाहिर हो गया कि जो याचिका दायर की गई उसके पीछे एक सोच थी। सोच यह थी कि किसी तरह से यह मामला उच्चतम न्यायालय पहुंच जाए।

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने आज दावा किया कि न्यायाधीश बी एच लोया की मौत के मामले में भाजपा और आरएसएस से जुड़े एक व्यक्ति ने नागपुर में जनहित याचिका दायर की थी ‘जिसके पीछे सोच यह थी कि किसी तरह से यह मामला उच्चतम न्यायालय तक पहुंच जाए।’ पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने यह भी कहा कि यह मामला 2019 के चुनाव के लिए चुनावी मुद्दा होगा। सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोया मामले में जिस व्यक्ति ने पहली बार जनहित याचिका दायर की वह नागपुर से है और उसका नाम है सूरज लोलगे। उसने 27 नवंबर, 2017 को याचिका दायर की। इसके बाद कई और याचिकाएं दायर हुईं, लेकिन वो 2018 में हुईं। अब यह पता चला है कि सूरज लोलगे आरएसएस और भाजपा के खासमखास हैं।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘लोलगे ने 25 दिसंबर, 2016 को नगर निगम चुनाव लड़ने के लिए भाजपा से टिकट की और साथ पैसा भी जमा किए और उसकी रसीद भी हमारे पास है।’’ सिब्बल ने दावा किया, ‘‘यह व्यक्ति भाजपा का सदस्य और आरएसएस का स्वयंसेवक है। इनकी जनहित याचिका का मकसद का क्या था मुझे स्पष्ट रूप से मालूम नहीं है लेकिन उनकी बातचीत का विवरण है जिसमें वो कह रहे हैं उन्होंने भैयाजी जोशी की तरफ से याचिका दायर की है।’’ सिब्बल ने मराठी भाषा में आडियो जारी कर कहा, ‘‘साफ जाहिर हो गया कि जो याचिका दायर की गई उसके पीछे एक सोच थी। सोच यह थी कि किसी तरह से यह मामला उच्चतम न्यायालय पहुंच जाए। इसके दो मकसद हो सकते हैं। एक मकसद हो सकता है कि इस मामले में किसी व्यक्ति के खिलाफ जांच हो और दूसरा यह कि एक व्यक्ति को बचाया जा सके।’’ 

उन्होंने कहा कि इस बात का दुख है जो कानून द्वारा कार्रवाई होनी चाहिए थी वो नहीं हुई। एक किसी मकसद से प्रेरित याचिका पर जांच की अनुमति उच्चतम न्यायालय ने नहीं दी।.. यह मुद्दा 2019 के चुनाव मुद्दा है। इस मामले में कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल साथ हैं।’’ गौरतलब है कि बीते न्यायाधीश लोया की मौत की मांग से जुड़ी याचिकाओं को बीते 19 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था। 

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