1,140 करोड़ के सिटी सेंटर घोटाले में कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत 31 लोग बरी

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अदालत के बाहर अमरिंदर ने कहा कि हम पर लगाए गए सभी आरोप खारिज कर दिए गए हैं। इस मामले में अमरिन्दर सिंह के पुत्र रानिन्दर सिंह और दामाद रामिन्दर सिंह भी आरोपी थी।

लुधियाना। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और अन्य को यहां की एक अदालत ने बुधवार को 1,140 करोड़ रुपये के कथित लुधियाना सिटी सेंटर घोटाला मामले में आरोप मुक्त कर दिया। यह मामला 2002 से 2007 के बीच अमरिंदर के पहले कार्यकाल के दौरान का है।

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जिला अटॉर्नी जनरल रविन्दर अबरोल ने बताया कि सत्र न्यायाधीश गुरबीर सिंह ने राज्य सतर्कता ब्यूरो की ओर से मामले को बंद करने के लिए दाखिल रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए सभी 31 आरोपियों को आरोपों से मुक्त कर दिया। अदालत के बाहर अमरिंदर ने कहा, ‘‘हमपर लगाए गए सभी आरोप खारिज कर दिए गए हैं।’’ इस मामले में अमरिन्दर सिंह के पुत्र रानिन्दर सिंह और दामाद रामिन्दर सिंह भी आरोपी थी। सिंह पर आरोप थे कि उन्होंने एक बड़ी परियोजना के लिये दिल्ली स्थित बिल्डर की तरफदारी की थी।

मुख्यमंत्री ने अदालत से बाहर कहा कि हमने 13 साल तक इस मामले का सामना किया और आज आखिरकार फैसला हमारे पक्ष में आया। हमारे खिलाफ लगे आरोपों को खारिज कर दिया गया। अमरिंदर ने 2003 में परियोजना की घोषणा की थी। वर्ष 2006 में लुधियाना सिटी सेंटर परियोजना शुरू की गई। कुल 25 एकड़ में फैली इस परियोजना में शॉपिंग मॉल, रिहाइशी अपार्टमेंट, 12 मल्टीप्लेक्स और एक हेलीपैड बनाया जाना था।

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आरोप है कि दिल्ली स्थित निजी कंपनी  टुडे होम्स  को नियमों का उल्लंघन कर फायदा पहुंचाया गया। अमरिंदर सिंह नीत कांग्रेस सरकार ने 2006 में मामले की जांच राज्य के सतर्कता ब्यूरो को सौंप दी थी। इसके बाद 2007 में अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री बने और ब्यूरो ने अमरिंदर समेत 36 लोगों के खिलाफ आईपीसी और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।

इसके बाद 19 अगस्त 2017 को अमरिन्दर के दूसरे कार्यकाल में सतर्कता ब्यूरो ने मामले की दोबारा जांच के बाद इसे बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की। रिपोर्ट में कहा गया कि परियोजना में किसी भी घोटाले को प्रमाणित करने के लिए कोई सबूत या तथ्य नहीं है।

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