कांग्रेस में ‘कुर्सी की लड़ाई’ में पंजाब में शासन का सबसे ज्यादा नुकसान : आप

Raghav Chadda
प्रतिरूप फोटो

आप प्रवक्ता राघव चड्ढा ने अपने ट्वीट के माध्यम से कहा कि “कांग्रेस की कुर्सी की लड़ाई में सबसे बड़ा नुकसान पंजाब राज्य के शासन का हुआ है।” आप विधायक और पंजाब में नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कांग्रेस की अंदरुनी लड़ाई से पंजाब और उसके लोगों को काफी नुकसान हुआ है।

पंजाब में सत्ताधारी दल में महीनों से चल रही खींचतान के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के इस्तीफे को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी में ‘कुर्सी की लड़ाई’ का सबसे बड़ा खामियाजा प्रदेश के शासन को उठाना पड़ा है।

एक वीडियो संदेश में आप प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि सत्ताधारी दल ने कुर्सी के संघर्ष में पंजाब के मुद्दों को हाशिये पर डाल दिया। चड्ढा ने पंजाबी में कहा, “कांग्रेस ने पंजाब के लोगों को धोखा दिया है। उन्हें पंजाब के कल्याण की नहीं, अपनी व्यक्तिगत खुशियों की परवाह है। कांग्रेस एक डूबता ‘टाइटेनिक’ है, जिसका न कोई नजरिया है, न कोई प्रतिबद्धता और न ही कोई प्रदर्शन।”

उन्होंने ट्वीट किया, “कांग्रेस की कुर्सी की लड़ाई में सबसे बड़ा नुकसान पंजाब राज्य के शासन का हुआ है।” आप विधायक और पंजाब में नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कांग्रेस की अंदरुनी लड़ाई से पंजाब और उसके लोगों को काफी नुकसान हुआ है।

उन्होंने चंडीगढ़ में एक बयान में कहा, “कांग्रेस चाहे कितने भी चेहरे बदल ले इससे फर्क नहीं पड़ेगा, आने वाले चुनावों में पंजाब के लोग कांग्रेस की स्थिति अकाली-भाजपा से भी बुरी करेंगे।”

उन्होंने कहा, “अली बाबा को बदलने से बाकी चोर निर्दोष नहीं हो जाएंगे।” आप नेता ने दावा किया कि साढ़े चार साल से चल रहे माफिया शासन के दलदल में सभी कांग्रेसी फंस गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया, “कांग्रेस चाहे कितने भी चेहरे क्यों न बदल ले, वह अपने झूठे, भ्रष्ट और अवसरवादी स्वरूप को नहीं बदल सकती।”

चीमा ने कहा कि सत्ता की भूख में अमरिंदर सिंह और उनके विधायकों तथा मंत्रियों ने कभी पंजाब की खुशहाली के बारे में नहीं सोचा और सिर्फ अपनी जेबें भरने में व्यस्त रहे। उन्होंने कहा, “क्योंकि यह लड़ाई सिर्फ मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिये नहीं थी, बल्कि माफिया और सरगना का दर्जा हासिल करने के लिये थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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