पंजाब में 31 मई तक शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक गैर जरूरी गतिविधियों के लिए आवाजाही निषिद्ध रहेगी

Punjab

पंजाब में कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए 31 मई तक शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक गैर जरूरी गतिविधियों के लिए आवाजाही निषिद्ध रहेगी।

चंडीगढ़। पंजाब में कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए 31 मई तक शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक गैर जरूरी गतिविधियों के लिए आवाजाही निषिद्ध रहेगी। राज्य के गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। केंद्र द्वारा 31 मई तक लॉकडाउन बढ़ाये जाने के बाद पंजाब में रविवार को यह आदेश जारी किया गया। पंजाब सरकार ने सोमवार को कर्फ्यू पाबंदिया हटा ली हैं और उसने 31 मई तक के लिए लॉकडाउन लगा दिया है। आदेश के अनुसार राज्य में सभी शॉपिंग मॉल बंद रहेंगे। लेकिन शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य बाजारों में सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक सभी दुकानें खुलने की इजाजत होगी। लेकिन मुख्य बाजारों, बाजार कॉम्प्लेक्सों की दुकानों , रेहड़ी बाजार और अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों के लिए जिला प्रशासन अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल करेगा एवं भीड़ कम करने के लिए दुकानों के लिए अलग अलग समय तय कर सकता है। इस बीच, प्रवासी श्रमिकों की वापसी से पंजाब द्वारा उनकी कमी की मार झेलने के बीच मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्र से कृषि कार्यों को 2020-21 के लिए मनरेगा के तहत लाने देने की मांग की। 

इसे भी पढ़ें: सीएम योगी ने कांग्रेस से ओछी राजनीति ना करने की अपील की, कहा- 3 दिन हो गए अभी तक नहीं दी श्रमिकों की सूची

बुवाई और फसल कटाई आमतौर पर महात्मागांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत आने वाले कार्य नहीं है। पंजाब ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे केद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को आगामी खरीफ एवं रबी सीजन के इन कृषि कार्यों को इस योजना के अंतर्गत करने देने का निर्देश देने की अपील की है। सिंह ने सुझाव दिया कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के साथ परामर्श कर प्रति एकड़ (धान एवं गेहूं के लिए) मानव कार्य दिवस तय कर सकता है जिसकी मनरेगा के तहत इजाजत दी जा सके। उन्होंने कहा है कि इस पहल से किसानों के लिए बढ़ती श्रम लागत कमकरने, ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने और सबसे अहम खाद्य सुरक्षा में मदद मिलेगी। प्रवासी श्रमिकों के बारे में सिंह ने दावा किया कि पंजाब उन्हें उनके गृह राज्य भेजने के लिए प्रति ट्रेन साढ़े सात लाख रूपये खर्च कर रहा है लेकिन अफसोस है कि अन्य राज्य उत्साह नहीं दिखा रहे हैं तो वे उनसे उन्हें घर (गृहराज्य) पहुंचाने का इंतजाम करने को कह रहे हैं। सिंह ने कहा कि बिहार इस पड़ाव में अपने ही लोगों को लेने के लिए इच्छुक नही है क्योंकि उनके पृथक वास केंद्र भर गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विशेष पोर्टल पर 11 लाख प्रवासियों ने पंजीकरण कराया था जिनमें से दो लाख से अधिक जा चुके है तथा हर रोज 20 से अधिक ट्रेनें पंजाब से जा रही हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़