Jaishankar के भाषण ने किया कमाल, Pahalgam Terror Attack की कड़ी निंदा वाले बयान पर QUAD देशों ने कर दिया हस्ताक्षर तत्काल

S Jaishankar
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हम आपको बता दें कि अमेरिका की राजधानी में मंगलवार को हुई बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग और जापान में उनके समकक्ष ताकेशी इवाया शामिल हुए।

अमेरिका में आयोजित क्वॉड (QUAD) बैठक में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के जोरदार भाषण के बाद क्वॉड सदस्य देशों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जबरदस्त विरोध करते हुए जो संयुक्त बयान जारी किया है उसका एक एक शब्द दर्शा रहा है कि भारत की बुलंद आवाज विश्व के लिए कितना मायने रखती है। जो पाकिस्तान अपने सेनाध्यक्ष को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लंच कराये जाने पर इतराता फिर रहा था उसके होश क्वॉड का बयान देखकर उड़ चुके हैं क्योंकि इस पर अमेरिका के भी हस्ताक्षर हैं। क्वॉड सदस्य देशों ने मिलकर यह स्पष्ट कर दिया है कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में लोकतांत्रिक देश एकजुट हैं।

जहां तक क्वॉड बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के संबोधन की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने आतंकवाद के बदलते स्वरूप और उसके वैश्विक विस्तार की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने ‘सीमापार आतंकवाद’, ड्रोन आधारित हमले, साइबर आतंकवाद और आतंकी फंडिंग नेटवर्क्स पर विशेष चिंता जताई। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि आतंकवाद अब केवल एक क्षेत्रीय या सीमित समस्या नहीं रही, बल्कि यह एक वैश्विक खतरा बन चुकी है, जिसका सामना बहुपक्षीय सहयोग और समन्वित रणनीति से ही किया जा सकता है। जयशंकर ने यह भी दोहराया कि भारत आतंकवाद के विरुद्ध "जीरो टॉलरेंस" नीति पर चलता है और उसे समर्थन देने वाले देशों व संगठनों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

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पहलगाम आतंकी हमले पर क्वॉड के बयान को देखें तो आपको बता दें कि इस समूह के सदस्य भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों ने पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की तीव्र निंदा की है। संयुक्त बयान में ‘क्वॉड’ ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की साजिश रचने वालों, उसे अंजाम देने वालों और इसके वित्त पोषकों को बिना किसी देरी के न्याय के कठघरे में लाने का आह्वान किया तथा संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से इस संबंध में सहयोग बढ़ाने की अपील की। क्वॉड के विदेश मंत्रियों ने 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का दृढ़तापूर्वक समर्थन किया। हम आपको बता दें कि अमेरिका की राजधानी में मंगलवार को हुई बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग और जापान में उनके समकक्ष ताकेशी इवाया शामिल हुए। विदेश मंत्रियों ने कहा, ‘‘हम पहलगाम में आतंकी हमले के मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और सभी घायलों के शीघ्र एवं पूरी तरह से स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से आग्रह करते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों के अनुसार इस संबंध में सभी संबंधित प्राधिकारों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करें।’’ देखा जाये तो यह बयान न केवल भारत के साथ सांत्वना और समर्थन का प्रतीक है बल्कि आतंकवाद के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय सहयोग की प्रतिबद्धता का भी संकेत है।

साथ ही ‘क्वाड’ की बैठक में इस साल मुंबई में ‘‘भविष्य के क्वाड बंदरगाह’’ साझेदारी शुरू करने की योजना की भी घोषणा की गई। मंत्रियों ने कहा कि वे पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर की स्थिति को लेकर गंभीरता से चिंतित हैं। उन्होंने चीनी सैन्य कार्रवाइयों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हम किसी भी एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध दोहराते हैं जिसमें बलपूर्वक या जबरन यथास्थिति को बदलने की कोशिश की जा रही हो।''

हम आपको यह भी बता दें कि क्वॉड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में जिन मुद्दों पर सहमति बनी है उनमें आतंकी फंडिंग पर रोक लगाने के लिए संयुक्त वैश्विक तंत्रों को और प्रभावी बनाना है, इंटेलिजेंस साझा करना, खासकर इंडो-पैसिफिक और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में। डिजिटल आतंकवाद, साइबर कट्टरपंथ और सोशल मीडिया के माध्यम से भर्ती जैसे नए खतरों से निपटना और मानवाधिकारों तथा धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है। साथ ही महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने और आपूर्ति श्रृंखलाओं को विविध बनाने के उद्देश्य से ‘क्वाड’ ने एक नई पहल ‘क्वाड क्रिटिकल मिनरल्स इनिशिएटिव’ की शुरुआत भी की है। यह कदम आर्थिक सुरक्षा को मज़बूती देने की दिशा में एक व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जो चीन द्वारा इस क्षेत्र में मूल्य हेरफेर समेत अन्य दबावयुक्त रणनीतियों की चिंताओं के मद्देनज़र उठाया गया है।

बहरहाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर का भाषण और पहलगाम हमले पर क्वॉड देशों की संयुक्त प्रतिक्रिया ने यह दिखाया कि लोकतांत्रिक राष्ट्र आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं। यह सहयोग केवल सांकेतिक नहीं, बल्कि व्यावहारिक स्तर पर साझा कार्रवाई की ओर संकेत करता है। यह भी स्पष्ट हो गया है कि भारत की भूमिका न केवल क्षेत्रीय स्थिरता बल्कि वैश्विक सुरक्षा संरचना में भी निर्णायक होती जा रही है।

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