वायनाड पहुंचे राहुल गांधी, कहा- मुआवजे के लिए केन्द्र और राज्य सरकार पर बनाते रहेंगे दबाव

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[email protected] । Aug 28 2019 9:14AM

राहुल ने कहा कि यह एक त्रासदी रही है। वायनाड के लोगों ने एक महान भावना के साथ प्रतिक्रिया की है। यहां मुख्य मुद्दा मुआवजा है। लोगों ने अपने खेतों और घरों को खो दिया है। केंद्र के पास एक पूर्वाग्रह है, जहां वे सत्ता में नहीं हैं वहां परवाह नहीं करते हैं।

वायनाड। हाल की वर्षा के कारण भूस्खलन से तबाह अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड का दौरा करते हुए मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वह प्रभावित लोगों को समुचित मुआवजा दिलवाने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार पर दबाव बनाना जारी रखेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस माह दूसरी बार अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में राहत शिविरों का दौरा करते हुए कहा कि वह बाढ़ के कारण फसलों को हुए नुकसान का मुद्दा संसद में उठाएंगें। गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं अगले कुछ दिनों तक अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में हूं, बाढ़ राहत शिविरों में जा रहा हूं और क्षेत्र में पुनर्वास कार्य की समीक्षा कर रहा हूं।’’ मनथावाडी के चेरूपूझा में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बाढ़ में इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता कि व्यक्ति किस धर्म, समुदाय या राजनीतक दल का है। सभी लोगों को बाढ़ से निपटने के लिए मिलकर काम करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज के माहौल में आप पूरे देश के लिए एक बड़ा उदाहरण हैं...देश आपसे सबक सीख सकते हैं। जब देश एकजुट होकर खड़ा होगा तभी प्रगति कर सकता है।’’ राहुल ने कहा कि यह एक त्रासदी रही है। वायनाड के लोगों ने एक महान भावना के साथ प्रतिक्रिया की है। यहां मुख्य मुद्दा मुआवजा है। लोगों ने अपने खेतों और घरों को खो दिया है। केंद्र के पास एक पूर्वाग्रह है, जहां वे सत्ता में नहीं हैं वहां परवाह नहीं करते हैं।

गांधी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री एवं राज्य के मुख्यमंत्री को लिखा और उनसे बात की। उनसे कहा गया कि वायनाड को उनकी मदद की ‘‘गंभीर आवश्यकता’’ है। कांग्रेस नेता ने केरल में सत्तारूढ़ वाम दलों से भी वायनाड के विकास के लिए सहयोग मांगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम वैचारिक रूप से लड़ना जारी रखेंगे किंतु वायनाड के विकास को लेकर हमारा एक दृष्टिकोण हो सकता है।’’

चार दिनों के दौरे पर यहां आये गांधी ने चुनगाम और वलाड के शिविरों में लोगों को राहत सामग्री वितरित की और उनकी परेशानियों को सुना। कुछ लोगों ने कहा कि उनके मकान नष्ट हो गये और जमीन पानी में डूब गयी जबकि कुछ अन्य लोगों ने शिकायत की कि राज्य सरकार द्वारा भेजी गयी 10 हजार रूपये की प्रारंभिक राहत राशि उन तक नहीं पहुंची है। गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह राज्य सरकार से फिर अनुरोध करेंगे कि प्रभावित परिवारों तक सभी आवश्यक सहायता पहुंचायी जाए।

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इसी दौरान एक महिला ने रोते हुए बताया कि राहत शिविर से वापस जाने पर उसके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है। लोगों ने उन्हें यह भी बताया कि शिविर से जाने के बाद उनके बच्चों के लिए स्कूल जाना मुश्किल है क्योंकि आपदा के कारण उन्होंने अन्य सामान के साथ साथ बच्चों की किताबें, बस्ते भी गंवा दिये हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल लोगों की बातों का अनुवाद कर गांधी को बता रहे थे। जींस और सफेद टीशर्ट पहने गांधी का लोगों ने नारे लगाकर स्वागत किया। कन्नूर हवाई अड्डे पर पहुंचे गांधी मंगलवार एवं बुधवार को मनाथवाडी, सुल्थान बाथेरी और कालपेट्टा में लोगों से मिलेंगे और राहत शिविरों में जाएंगे। कांग्रेस सांसद 29 एवं 30 अगस्त को कोझिकोड एवं मल्लापुर विधानसभा क्षेत्रों में राहत शिविरों का दौरा करेंगे। दोनों विधानसभा क्षेत्र वायनाड संसदीय क्षेत्र के तहत आते हैं। गांधी इस माह के शुरू में भी अपने संसदीय क्षेत्र में आये थे। वायनाड एवं मल्लापुरम जिले में भारी वर्षा एवं बाढ़ के कारण कई भूस्खलन हुए। 

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