राहुल गांधी ने केरल में PM मोदी और पिनराई विजयन पर साधा निशाना, कही यह अहम बात

Rahul Gandhi

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘‘गहरे समंदर में मछली पकड़ने’’ के लिए अमेरिकी कंपनी से समझौता करने की राज्य की एलडीएफ सरकार की कथित कोशिश की आलोचना करते हुए कहा कि यह माकपा नीत सरकार की ‘मंशा’ दिखाता है।

कोच्चि। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पेट्रोल व डीज़ल की बढ़ती कीमतों और आर्थिक नीतिओं को लेकर केंद्र की भाजपा नीत नरेंद्र मोदी सरकार पर सोमवार को निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह सरकार चलाने के लिए लोगों की जेब से जबरन पैसा निकाल रही है। गांधी ने केरल में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रचार का दूसरा चरण शुरू कर किया है। गांधी ने ‘‘गहरे समंदर में मछली पकड़ने’’ के लिए अमेरिकी कंपनी से समझौता करने की राज्य की एलडीएफ सरकार की कथित कोशिश की आलोचना करते हुए कहा कि यह माकपा नीत सरकार की ‘मंशा’ दिखाता है। 

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कांग्रेस नीत यूडीएफ के उम्मीदवारों के समर्थन में एर्नाकुलम और अलाप्पुझा जिलों में सभाओं को संबोधित करते हुए गांधी ने विश्वास व्यक्त किया कि यूडीएफ अगली सरकार बनाएगी क्योंकि उसने एनवाईएवाई योजना को लागू करने, कल्याणकारी पेंशन को 3,000 रुपये तक बढ़ाने और रबर, धान और नारियल के लिए एमएसपी बढ़ाने के वादे किए हैं। उन्होंने चुनावों के लिए पार्टी उम्मीदवारों की सूची भी सराहना करते हुए कहा कि वह तंत्र में युवाओं को लेकर आई है। केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण जीएसटी लागू करना और कोविड-19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था ‘ढह’ गई।

गांधी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को फिर से शुरू करने का तरीका लोगों को पैसा देकर उपभोग शुरू कराना था ताकि वे खर्च कर सकें, ‘‘लेकिन सरकार को लगता है कि इसकी शुरुआत उपभोग से नहीं बल्कि आपूर्तिकर्ताओं की मदद से की जा सकती है।’’ कोच्चि में स्वायत्त महिला कॉलेज सेंट टेरेसा की छात्राओं से बातचीत करते हुए वायनाड के सांसद ने कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी करके लोगों की जेब से पैसा ले रही है, क्योंकि उसके पास सरकार चलाने के लिए पैसा नहीं है। 

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गांधी ने कहा, ‘‘वे कर और पैसा नहीं जुटा पा रहे हैं। इसलिए वे अब आपकी जेब से (पेट्रोल और डीज़ल के लिए) जबरन पैसा ले रहे हैं और सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि जब केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ सत्ता में था और पार्टी के नेतृत्व वाले संप्रग का केंद्र में शासन था, तो वे समझते हैं कि देश कैसे चलाना है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ पहली चीज जो आपको चाहिए वह है सद्भाव। दूसरी बात यह है कि आपको लोगों के हाथ में पैसा देने की जरूरत है। अगर ये दोनों चीज़े होती हैं तो भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान जब अर्थव्यवस्था ढहना शुरू हुई तो कांग्रेस ने सरकार से कहा कि लोगों के हाथ में तत्काल पैसा दिया जाए लेकिन केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया।

गांधी ने कहा कि संप्रग के शासन के दौरान ग्रामीण रोजगार योजना, खाद्य अधिकार और कृषि ऋण माफी जैसे कार्यक्रमों को लागू करने से अर्थव्यवस्था का उत्थान हुआ। मछली पकड़ने की परियोजनाओं पर एलडीएफ सरकार को घेरते हुए, गांधी ने अलाप्पुझा और एर्नाकुलम जिलों के तटीय इलाकों में सभाओं को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि अगर अमेरिकी कंपनी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर हो गए होते तो ‘‘हमारे हजारों मछुआरे भाई-बहन व्यवसाय से बाहर हो गए होते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह समझौता वाम मोर्चा सरकार की मंशा दर्शाता है। पकड़े जाने के बाद, उन्होंने कहा, ठीक है, हम सौदा रद्द कर देंगे।’’ 

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एक स्पष्ट संकेत देते हुए कि छह अप्रैल के चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन में उनकी भूमिका थी, गांधी ने कहा कि इस बार का टिकट वितरण अलग था और कई युवा चेहरों पर भरोसा जताया गया है। कांग्रेस और यूडीएफ में इसे मौन क्रांति बताते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद इसके नतीजे दिखेंगे। कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक वर्ग द्वारा विरोध प्रदर्शन पर गांधी ने कहा, हमने अनुभव की अनदेखी नहीं की है।’’ गांधी ने कहा कि हमारे पास कई उत्कृष्ट अनुभवी नेता हैं। हमने उन्हें अनदेखा नहीं किया है लेकिन हमने युवा चेहरे के लिए दरवाजा खोल दिया है। हम केरल को आगे बढ़ाने के लिए नई कल्पना चाहते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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