BJP को हराने के लिए राहुल को विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करना चाहिए: शीला दीक्षित

Rahul should lead opposition coalition to defeat BJP: Sheila Dikshit
[email protected] । Jun 17 2018 5:21PM

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा है कि विपक्षी गठबंधन यदि 2019 के आम चुनाव में भाजपा को एक मजबूत चुनौती पेश करना चाहता है, तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस तरह के किसी गठजोड़ का स्वभाविक नेता होना चाहिए।

नयी दिल्ली। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा है कि विपक्षी गठबंधन यदि 2019 के आम चुनाव में भाजपा को एक मजबूत चुनौती पेश करना चाहता है, तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस तरह के किसी गठजोड़ का स्वभाविक नेता होना चाहिए। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला ने कहा कि मोदी सरकार के तहत देश एकजुट बने रहने की गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है। अपने-अपने मतभेदों को छोड़ कर सभी विपक्षी दलों को अवश्य ही एकजुट होना चाहिए , ताकि मौजूदा शासन को सत्ता से उखाड़ फेंका जा सके।

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला (80) ने कहा, ‘‘देखिए वह पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। जो पार्टी का नेतृत्व करते हैं उन्हें स्वत: ही हर चीज के लिए चुना जाता है। वह हमारी पार्टी के नेता हैं और यदि कांग्रेस विपक्ष के गठबंधन का नेतृत्व करेगी तो राहुल गांधी स्वत: ही इसके नेता होंगे।’’ कर्नाटक विधानसभा चुनाव और अन्य हालिया उपचुनावों को देखते हुए कांग्रेस तथा अन्य प्रमुख विपक्षी नेता 2019 के आमचुनाव में भाजपा को रोकने के लिए एक महागठबंधन बनाने की जरूरत के बारे में बातचीत कर रहे हैं। हालांकि , इस बारे में अभी तक कोई आमराय नहीं बनी है। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गैर भाजपा पार्टियों को एकजुट करने के लिए ... कुछ सहमति बनाने और कुछ तालमेल बिठाने की जरूरत होगी। यह पूछे जाने पर क्या कांग्रेस गठबंधन के लिए मुख्य भूमिका निभाएगी, उन्होंने कहा कि समय आने पर पार्टी को इसके लिए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश एक बहुत ही मुश्किल दौर से गुजर रहा है और विपक्षी पार्टियों को देश के भविष्य की खातिर अपने - अपने मतभेदों को दूर रखना चाहिए। देश का मूल दर्शन हर किसी को साथ लेकर चलना है और हर किसी को यह महसूस कराना है कि वह भारतीय पहले है। शीला ने कहा कि राहुल एक सक्षम नेता के तौर पर उभरे हैं और ऐसा कोई कारण नहीं है कि उन्हें विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व नहीं करना चाहिए।

पार्टी में सोनिया गांधी की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह पार्टी की दिशानिर्देशक बनी हुई हैं और बनी रहेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘सोनिया गांधी दो दशक से अधिक समय से पार्टी की नेता हैं। वह किसी अन्य की तुलना में पार्टी को कहीं अधिक जानती हैं और मुझे नहीं लगता कि वह जिम्मेदारियां नहीं निभाएंगी। उन्होंने उस वक्त कांग्रेस को संभाला, जब हर किसी को लगता था कि यह पार्टी खत्म हो चुकी है।’’ नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय की पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालिया यात्रा के बारे में पूछे जाने पर शीला ने कहा कि वहां उनका भाषण अच्छा था। लेकिन कांग्रेस में यह हर किसी के भी समझ से परे है कि उन्हें क्यों जाना पड़ा ? यह एक बड़ा सवाल है ? उन्होंने कहा कि मुखर्जी की यात्रा से संघ को अवश्य ही फायदा हुआ होगा। 

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