राजनाथ बोले- वित्तीय संसाधनों के साथ-साथ युद्ध की तैयारी के लिए त्वरित और पारदर्शी निर्णय लेना भी महत्वपूर्ण
राजनाथ ने कहा कि जब मैं संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग की बात कर रहा हूं, तो उससे मेरा मतलब दो बातों से है। पहली कि संसाधनों का सही जगह उपयोग हो। दूसरी कि उनकी किसी प्रकार से बर्बादी न हो।
रक्षा लेखा विभाग द्वारा आयोजित नियंत्रकों के सम्मेलन को आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने साफ तौर पर कहा कि देश की युद्ध की तैयारी के लिए न केवल पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता बल्कि इसके लिए त्वरित और पारदर्शी निर्णय लेना भी महत्वपूर्ण है। अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने कहा कि निर्णय लेने में देरी से समय के साथ-साथ धन की भी हानि होती है। इसके अलावा, यह देश की युद्ध तैयारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि रक्षा लेखा विभाग इसे सुनिश्चित करने की दिशा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में जितने भी संसाधन हैं उनकी एक सीमा है। ऐसे में उपलब्ध और सीमित संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग आवश्यक हो जाता है और यही बात किसी राष्ट्र और उसके रक्षा क्षेत्र पर भी लागू होती है।
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राजनाथ ने कहा कि जब मैं संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग की बात कर रहा हूं, तो उससे मेरा मतलब दो बातों से है। पहली कि संसाधनों का सही जगह उपयोग हो। दूसरी कि उनकी किसी प्रकार से बर्बादी न हो। 'A Penny Saved is a Penny Earned' वाली बात संसाधनों पर भी लागू होती है। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में लेखा-जोखा की क्या अहमियत है, इस पर बहुत बात करने की आवश्यकता नहीं है। कोई व्यक्ति हो, अथवा परिवार, समाज हो या फिर संगठन, बिना लेखा-जोखा पर ध्यान दिए वह ज्यादा दिनों तक चल नहीं सकता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि सही समय पर वित्तीय सलाह प्रदान के लिए प्रक्षेत्र विशेषज्ञता के साथ Client की जरूरतों की संवेदनशील समझ होना भी बहुत जरूरी है। IFA-CFA का GeM portal पर integration जून 2022 से आरंभ हो गया है जिससे खरीद सहमति और sanction की प्रक्रिया digital हो गयी है।
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केंद्र के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सरकारी धन किसी भी मौके पर जरूरत से ज्यादा खर्च न हो, उसमें authority का अपना या किसी अन्य खास व्यक्ति का कोई हित न जुड़ा हो, यह सब वित्तीय विवेक है। उन्होंने कहा कि रक्षा लेखा विभाग का एक प्रमुख कार्य रक्षा मंत्रालय के संगठनों को वित्तीय सलाह प्रदान करना है। इस वर्ष रक्षा बजट के लिए 5.25 लाख करोड़ allot किए गए हैं, जिनके उचित खर्च सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी रक्षा लेखा विभाग की है। उन्होंन कहा कि मुझे पूरा विश्वास है, कि विभाग, financial prudence के सिद्धांतों को अपनाते हुए, रक्षा सेवाओं को उनके वित्तीय संसाधनों के प्रबंधन में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
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