राजनाथ सिंह को आशंका, अन्य देशों में भी हो सकता है माओवादी नेताओं का पैसा
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केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि माओवादी नेताओं का पैसा दुनिया के दूसरे देशों में भी होने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता और इसके स्रोतों को बंद करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि माओवादी नेताओं का पैसा दुनिया के दूसरे देशों में भी होने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता और इसके स्रोतों को बंद करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। सिंह ने आज यहां नया रायपुर स्थित मंत्रालय में राज्य में आकांक्षापूर्ण जिलों और वामपंथी उग्रवाद की स्थिति को लेकर समीक्षा बैठक ली। बैठक में मुख्यमंत्री रमन सिंह तथा केंद्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि माओवादी नेताओं का जहां प्रभाव है वहां वे जनता को गरीब हालत में रखना चाहते हैं। लेकिन वे खुद धन कमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जानकारी प्राप्त हुई है कि माओवादी नेताओं ने करोड़ों रूपए की संपत्ति अर्जित की है। इस संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता कि इनका पैसा दुनिया के दूसरे देशों में भी है।
सिंह ने कहा कि माओवादी नेताओं के बच्चे अच्छे स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में भी पढ़ाई कर रहे हैं। इस पर भी हम लोगों की नजर है।केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यह अब आगे नहीं चल पाएगा। फंड के स्रोत हैं उन्हें बंद करने के लिए जो भी कदम उठाए जा सकते हैं वह सभी कदम हम लोग उठाएंगे। जो अवैध संपत्तियां उन्होंने अर्जित की है, अगर पूरी तरह से पहचान हो जाने के बाद जरूरत हुई तो उन्हें जब्त किया जाएगा।राजनाथ ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने तेलंगाना के ग्रे हाउंड की तर्ज पर एक अलग बल तैयार करने का फैसला किया है जिसका नाम ब्लैक पैंथर है। ब्लैक पैंथर का दो महीने से प्रशिक्षण का भी काम चल रहा है। यह जाहिर करता है कि यहां के बल में इन माओवादियों को छत्तीसगढ़ की धरती से उखाड़ फेंकने का और उन्हें समाप्त करने का कितना बड़ा जज्बा है।उन्होंने रविवार को दंतेवाड़ा जिले में नक्सली हमले में सात जवानों के शहीद हाने की घटना को लेकर कहा कि विस्फोट की घटनाओं से स्पष्ट हो जाता है कि माओवादी संगठनों की ताकत घटी है और वे हताश हुए हैं। इसलिए कायरतापूर्ण कार्रवाई की जा रही है।
गृह मंत्री ने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों के साथ सीधे मुकाबला करने की नक्सलियों की पहले जो ताकत थी, अब उसमें तेजी से गिरावट आई है। अब वे हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।उन्होंने कहा कि माओवाद देश में तेजी से सिमट रहा है। आंतरिक सुरक्षा के जानकारों का भी मानना है कि अब हिंदुस्तान में नक्सली हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं। मैंने पहले भी कई बार कहा है कि माओवादी विकास विरोधी हैं। उनकी कोशिश रहती है कि उनके प्रभाव क्षेत्र में रहने वाले लोग सदैव गरीब बने रहें और उन क्षेत्रों का किसी भी सूरत में विकास न हो।सिंह ने कहा कि जिन क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के शिविर नहीं थे वहां भी सुरक्षा बलों के शिविर लगाए जा रहे हैं। सात महीने के भीतर केंद्रीय बलों और छत्तीसगढ़ पुलिस के ऐसे 16 नए कैंप लगाए गए हैं जहां पहले कोई जा नहीं सकता था। वहीं केंद्रीय बलों, छत्तीसगढ़ पुलिस और आईबी के मध्य बेहतर तालमेल है। राजनाथ ने पाकिस्तान के संघर्ष विराम के उल्लंघन के सवाल पर कहा कि समाचार-पत्रों में पढ़ा होगा कि पाकिस्तान ने कहा है कि वे डीजीएमओ और बीएसएफ के अधिकारियों से बात करना चाहते हैं। क्यों कहा है? इससे जाहिर होता है कि उनके संघर्ष विराम उल्लंघन का हमारे बलों ने किस तरीके से जवाब दिया है। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बताया कि राज्य में चार आईआर बटालियन का भी गठन हो चुका है। चारों बस्तर के हैं। इनकी ट्रेनिंग हो चुकी है।
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