आजादी के बाद पहली बार कश्मीर के गांवों में लोगों को मिल रहा है पक्का घर
ग्रामीण कहते हैं कि विकास हमारे लिये एक चमत्कार की तरह है क्योंकि हमने कभी सोचा भी नहीं था कि सरकार की मदद से हमारे सिर पर पक्की छत होगी। सुंदर पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला से घिरे हुए इस गांव में लोग कठिन परिस्थितियों में रह रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद विकास से जुड़ी परियोजनाएं जब सुदूर गाँवों तक पहुँचने लगीं तो ग्रामीणों के जीवन में बड़ा बदलाव आने लगा। हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं लेकिन कश्मीर के गांवों में रहने वालों के लिए असल आजादी अब मिली है क्योंकि अब उन्हें कच्चे घरों में नहीं रहना पड़ा रहा। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में क्या है विकास की हकीकत, यह दर्शाने के लिए आपको बताते हैं राजौरी जिले के फलिनी गांव की कहानी। इस गांव में आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत ग्रामीणों को पक्का घर मिल रहा है।
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ग्रामीण कहते हैं कि विकास हमारे लिये एक चमत्कार की तरह है क्योंकि हमने कभी सोचा भी नहीं था कि सरकार की मदद से हमारे सिर पर पक्की छत होगी। सुंदर पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला से घिरे हुए इस गांव में लोग कठिन परिस्थितियों में रह रहे हैं लेकिन PMAY जैसी भारत सरकार की योजना से अब इन्हें बेहतर जीवन जीने में मदद मिली है। आजादी के 75 साल बाद पहली बार सड़क, पुल संपर्क और पक्के मकान पाकर ग्रामीण खुश हैं। अब खुद चलकर मूलभूत सुविधाएं दरवाजे पर आ रही हैं तो लोगों को यकीन नहीं हो रहा है। फलिनी गांव के बुढाल प्रखंड के शेर मोहम्मद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आजादी के बाद पहली बार मोदी सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे गरीबों का दर्द सुना। उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार विशेष रूप से भारत के प्रधानमंत्री मोदी साहब को गरीबों को सभी प्रकार की बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए धन्यवाद देते हैं।
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