उद्योग जगत से बोले रविशंकर प्रसाद, भारत को सॉफ्टवेयर उत्पादों का प्रमुख केंद्र बनायें

Ravi Shankar Prasad

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आर्थिक चुनौतियों तथा कोरोना वायरस महामारी की दिक्कतों के बाद भी भारत के आईटी व संचार क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश आया है। ऐसा इस कारण संभव हुआ क्योंकि दुनिया भारत पर भरोसा करती है।

नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग से मौजूदा नीतियों और उपयुक्त माहौल का लाभ उठाते हुये भारत में निर्मित नवोन्मेषी उत्पाद तैयार कर देश को सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में दुनिया का प्रमुख केन्द्र बनाने का बृहस्पतिवार को आह्वान किया। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस समाधान विकसित करने के लिये आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा करते हुए कहा कि इसे (प्रतियोगिता)असाधारण प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने कहा कि आर्थिक चुनौतियों तथा कोरोना वायरस महामारी की दिक्कतों के बाद भी भारत के आईटी व संचार क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश आया है। ऐसा इस कारण संभव हुआ क्योंकि दुनिया भारत पर भरोसा करती है। प्रसाद ने कहा कि भारत पहले ही सॉफ्टवेयर सेवाओं में अपनी क्षमता साबित कर चुका है और अब भारत को सॉफ्टवेयर उत्पादों के क्षेत्र में वैश्विक केंद्र बनने पर ध्यान देना चाहिये। 

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उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया भारत को बड़ी उम्मीद से देख रही है। मैं चाहूंगा कि नवोन्मेषी इस बारे में सोचें...हम पहले ही एक सॉफ्टवेयर उत्पाद नीति लेकर आ चुके हैं और एक उत्साहजनक पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद है ... मैं सॉफ्टवेयर समुदाय से आग्रह करूंगा कि वे नवोन्मेष व स्टार्टअप के क्षेत्र में भारत की स्थिति का लाभ उठायें और देश को सॉफ्टवेयर उत्पादों का एक बड़ा केंद्र बनायें।’’ वीडियो कांफ्रेंस समाधान विकसित करने की इस चुनौती में अलप्पुझा (केरल) स्थित टेकजेंट्सिया सॉफ्टवेयर टेक्नॉलॉजीज का एक उत्पाद वीकंसोल विजेता बनकर उभरा। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, विजेता को अगले तीन साल के लिये ओ एंड एम (संचालन और रखरखाव) के लिये अतिरिक्त 10 लाख रुपये के साथ एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी और एक अनुबंध के जरिये सरकार द्वारा उपयोग के लिये अपनाया जायेगा। चयन समिति ने संभावित उत्पादों के रूप में तीन आवेदकों (सर्व वेब्स, पीपुल लिंक यूनिफाइड कम्युनिकेशंस, इन स्ट्राइव सॉफट लैब्स) द्वारा विकसित उत्पादों का भी चयन किया है। इन तीनों को अगले तीन महीने में अपने उत्पाद को बेहतर बनाने के लिये 25-25 लाख रुपये देने का फैसला किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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