गुजरात में नॉनवेज पर बवाल, सड़क किनारे से हटाए जा रहे स्टॉल, BJP प्रदेश अध्यक्ष ने दिया यह बयान
अहमदाबाद से पहले यह नियम वड़ोदरा और राजकोट में भी लागू हो चुका है जिसके बाद से अब गुजरात में बवाल मचा है। आरोप लगाया जा रहा है कि गुजरात में नॉन वेज खाने पर सरकार किसी बहाने से रोक लगा रही है।
गुजरात में सड़क किनारे खुली जगह में नॉन वेज फूड आइटम नहीं बेचे जाने वाले आदेश को लेकर बवाल मचा है। दरअसल, अहमदाबाद नगर निगम की टाउन प्लानिंग कमिटी ने नया नियम निकाला है जिसके तहत शहर में खुली जगहों पर नॉनवेज फूड आइटम बेचने की मनाही है। इसके साथ ही इस नियम में यह भी कहा गया है कि शहर के मुख्य जगहों के 100 मीटर के दायरे में कोई भी मांस की दुकान नहीं रहेगी। अहमदाबाद से पहले यह नियम वड़ोदरा और राजकोट में भी लागू हो चुका है जिसके बाद से अब गुजरात में बवाल मचा है। आरोप लगाया जा रहा है कि गुजरात में नॉन वेज खाने पर सरकार किसी बहाने से रोक लगा रही है।
कोई इसे तुगलकी फरमान बता रहा है तो कोई इसे आने वाले चुनाव से जोड़कर देख रहा है। लेकिन इस कदम से सड़क किनारे ठेला लगाकर नॉनवेज बेचने वाले दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उनके सामने अब परिवार पालने की संकट है। कुछ दुकानदारों ने तो यह भी कहा है कि आप इसे बंद कर रहे हो तो हमें नौकरी दो, अगर हमारे पास नौकरी नहीं होगा और यह भी नहीं चलेगा तो क्या हम चोरी करें? अब इस मामले को लेकर श्रमिक संगठन हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। श्रमिक संगठनों का तो यह भी आरोप है कि जिनका नॉनवेज का काम नहीं है उन्हें भी उठाया जा रहा है।No one has taken such a decision. People're entitled to eat what they want&BJP will never try to stop it. Reason for removal could be something else¬ because they were selling veg,non-veg food: Gujarat BJP chief CR Paatil on removal of non-veg food carts from streets (16.11) pic.twitter.com/Wk9fGIFUPu
— ANI (@ANI) November 17, 2021
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अधिकारियों का दावा
गुजरात के अहमदाबाद, भावनगर और राजकोट शहरों में नगर निकायों ने कहा कि वे सड़क किनारे ठेला लगाने वालों के खिलाफ बिना भेदभाव के कार्रवाई कर रहे हैं, भले ही वे शाकाहारी या मांसाहारी भोजन बेचते हों। मुख्य मार्गों पर मांसाहारी भोजन बेचने वाले ठेले के खिलाफ कार्रवाई करने के संबंध में कुछ नगर निकायों की योजना पर विवाद पैदा होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा था कि राज्य सरकार को लोगों के भोजन की पसंद से कोई समस्या नहीं है। अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) ने मंगलवार को वस्त्रपुर झील क्षेत्र से अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू किया। यहां सड़क के किनारे खाने-पीने की कई दुकानें हैं जहां शाम से देर रात तक ग्राहकों की भीड़-भाड़ दिखती है। एएमसी की नगर नियोजन और संपदा समिति के अध्यक्ष देवांग दानी ने कहा कि एएमसी अधिकारियों ने यातायात और लोगों की आवाजाही में बाधा डालने वाले ठेला विक्रेताओं को हटाने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इसमें मांसाहारी और शाकाहारी, दोनों तरह के भोजन के विक्रेताओं को शामिल किया गया है। कोई भेदभाव नहीं किया है। हम सड़कों को अवरुद्ध करने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का बयान
बवाल बढ़ने पर गुजरात बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा है कि ऐसा फैसला किसी ने नहीं लिया है। लोगों को जो चाहिए वो खाने का हक है और बीजेपी इसे कभी रोकने की कोशिश नहीं करेगी। हटाने का कारण कुछ और हो सकता है और इसलिए नहीं कि वे वेज, नॉन-वेज खाना बेच रहे थे। उन्होंने कहा कि एक मंत्री हैं जिन्होंने कहा था कि इन गाड़ियों की वजह से फुटपाथों पर अतिक्रमण है... इन्हें हटाया जाना चाहिए। लेकिन उन्हें (मंत्री) और साथ ही सभी (शहर) महापौरों से कहा गया है कि उन्हें (गाड़ियां और स्टॉल) रोकने की कोई योजना नहीं है।
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