Rahul के बयान पर बोले एस जयशंकर, राजनीतिक आलोचना से कोई समस्या नहीं, हमारे जवानों का होना चाहिए सम्मान

S Jaishankar in Lok Sabha
sansad tv
अंकित सिंह । Dec 19 2022 4:14PM

राहुल गांधी के बयान पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हमें राजनीतिक आलोचना से कोई समस्या नहीं है लेकिन हमें अपने जवानों का अपमान नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि मेरी अपनी समझ को और गहरा करने की जरूरत है।

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के बीच 9 दिसंबर को झड़प की खबर आई थी। इस मामले को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बयान दे दिया था। लेकिन विपक्ष जबरदस्त तरीके से केंद्र के मोदी सरकार पर हमलावर है। इन सबके बीच राहुल गांधी ने एक बयान देते हुए कहा था कि सीमा पर हमारे जवान पीट रहे हैं और चीन युद्ध की तैयारी कर चुका है। पर हमारी सरकार सो रही है। इसी को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि हमें राजनीतिक आलोचना से कोई समस्या नहीं है। लेकिन हमें अपने जवानों का अपमान नहीं करना चाहिए। वह विषम परिस्थितियों में भी बॉर्डर पर खड़े रहकर हमारी रखवाली करते हैं। इसलिए उनकी सराहना और उनका सम्मान सर्वोच्च होना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: Smriti Irani के खिलाफ कांग्रेस नेता अजय राय की आपत्तिजनक टिप्पणी, भाजपा ने किया पलटवार

राहुल गांधी के बयान पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हमें राजनीतिक आलोचना से कोई समस्या नहीं है लेकिन हमें अपने जवानों का अपमान नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि मेरी अपनी समझ को और गहरा करने की जरूरत है। जब मैं देखता हूं कि कौन सलाह दे रहा है तो मैं केवल झुक सकता हूं और सम्मान कर सकता हूं। उन्होंने साफ कहा कि हमारे जवानों के लिए 'पिटाई' शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष के सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो भारतीय सेना को सीमा पर किसने भेजा। अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो आज चीन पर डी-एस्केलेशन और डिसइंगेजमेंट के लिए दबाव क्यों बना रहे हैं? हम सार्वजनिक रूप से क्यों कह रहे हैं कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं?

इसे भी पढ़ें: Bharat Jodo Yatra में शामिल होंगे जगदीश टाइटलर, सिख दंगों के सवाल पर कहा- क्या मेरे खिलाफ कोई FIR है?

एस जयशंकर ने साफ तौर पर कहा कि हमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की आलोचना नहीं करनी चाहिए। हमारे जवान यांग्त्से में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर खड़े होकर हमारी सीमा की रखवाली कर रहे हैं। उनका सम्मान और सराहना की जानी चाहिए। श्रीलंका के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से श्रीलंका से रिहा किए गए भारतीय मछुआरों की संख्या 2,835 और मछुआरों की संख्या है। पीएम मोदी ने तमिल मछुआरों की समस्याओं पर ध्यान दिया है। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने बार-बार श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से बात की है। अगर श्रीलंका में पकड़े गए मछुआरों को आज रिहा किया जाता है, तो इसलिए नहीं कि कोई चेन्नई में पत्र लिख रहा है, बल्कि इसलिए कि दिल्ली में कोई इस मामले को उठा रहा है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़