संविधान को केंद्र बिंदु बनाकर भविष्य की ओर देखना होगा: सचिन पायलट

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[email protected] । Nov 28 2019 5:34PM

उप मुख्यमंत्रीने संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने तत्कालीन परिस्थितियों और चुनौतियों के बीच सर्वश्रेष्ठ संविधान हमें दिया।

जयपुर। उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने गुरुवार को कहा कि हमें संविधान को केंद्र बिंदु बनाकर भविष्य की ओर देखना होगा। पायलट विधानसभा में भारतीय संविधान को अंगीकृत करने के 70 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में भारत के संविधान तथा मूल कर्तव्यों पर आहूत चर्चा में भाग ले रहे थे।

उप मुख्यमंत्रीने संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने तत्कालीन परिस्थितियों और चुनौतियों के बीच सर्वश्रेष्ठ संविधान हमें दिया। उनकी दूरगामी सोच ने देश को प्रगतिशील बनाया। उस पीढ़ी के बताए रास्ते पर चलकर हम यहां तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने आपसी मतभेदों को अलग रखकर दुनिया के संविधानों का अध्ययन कर सर्वश्रेष्ठ अनुच्छेदों का हमारे संविधान में समावेश किया। समाज में हुए परिवर्तनों के हिसाब से संविधान में सौ से ज्यादा संशोधन किये गए। पंचायती राज, सौ दिन का रोजगार, शिक्षा का अधिकार एवं सूचना का अधिकार जैसे हक प्रदान कर लोकतंत्र को मजबूत किया गया। पायलट ने कहा कि संविधान की गरिमा और सिद्धान्तों की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। 

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उन्होंने कहा कि हमसे जो गलतियां हुई हैं, उन्हें भूलकर सुधार कर आगे बढ़ना होगा। हमें संविधान पर केवल भाषण नहीं देना है, बल्कि उसे अपनी आत्मा में उतारना होगा। अपनी कार्यप्रणाली में दर्शाना होगा तथा संविधान के साथ छेड़छाड़ की भावना रखने वालों को रोकना होगा। हमें महात्मा गांधी के आदर्श और विचारों को अपनाकर उसी के अनुकुल दृष्टि विकसित करनी होगी। उन्होंने कहा कि देश को सम्पन्न बनाने के संकल्प पर आत्मचिंतन कर गरीब-अमीर की खाई को पाटना होगा। उन्होंने सदस्यों का आह्वान करते हुए कहा कि हमें संविधान की बनाई ‘चेक एंड बैलेंस’ की व्यवस्था को मजबूत बनाना होगा। उन्होंने कहा कि संविधान सभा की चर्चा के दौरान जो प्रस्ताव रखे गए, उन पर सार्थक चर्चा हुई और कुछ प्रस्ताव पारित हुए, वहीं कुछ वापस लिए गए। हमें वाद-विवाद की इस स्वस्थ एवं अच्छी परम्परा को मजबूत करना होगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रवाद का मतलब सिर्फ नारे लगाना, भाषण देना और प्रमाण पत्र वितरित करना नहीं है बल्कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना सच्चा राष्ट्रवाद है। विभाजनकारी लोगों को रोकना और देश की अखंडता को मजबूत करना राष्ट्रवाद है।

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