राजस्थान जल संरक्षण में पूरे देश में आगेः सद्गुरु जग्गी वासुदेव

सद्गुरु जग्गी वासुदेव नदी अभियान ‘रैली फार रिवर्स’ समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस पुनीत कार्य को और आगे बढ़ाने की जरूरत है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को जल संकट का सामना नहीं करना पड़े।
जयपुर। सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने कहा कि राजस्थान में जल संरक्षण के लिए जो कार्य हुआ है वह पूरे भारत में कहीं और नहीं हुआ। वासुदेव नदी अभियान ‘रैली फार रिवर्स’ समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस पुनीत कार्य को और आगे बढ़ाने की जरूरत है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को जल संकट का सामना नहीं करना पड़े। यह काम अभी शुरू नहीं किया गया तो आने वाले 25 साल के बाद हमारी नदियों में पानी नहीं बचेगा। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि प्रदेश में जल संकट को देखते हुए 2011 में ही जल संरक्षण का काम शुरू कर दिया था, जबकि उस समय प्रदेश में हमारी सरकार नहीं थी। उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहते हुए उन्होंने राजस्थान को जल संकट से निजात दिलाने के लिए प्रयास इसलिए शुरू कर दिए थे क्योंकि यह वोटों का नहीं, लोगों की जिन्दगी के सवाल का विषय था।
राजे ने कहा कि राजस्थान में सबसे बड़ा संकट पानी का है। हमने राजस्थान को पानी के संकट से मुक्ति दिलाने का सपना पूरा करने के लिए हमारी सरकार बनते ही ‘राजस्थान रिवर बेसिन अथॉरिटी’ का गठन किया, ताकि राजस्थान की नदियों को जोड़ने का काम शुरू कर सके। उसके बाद प्रदेश भर में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि कालीसिंध, मेज, चाकन, बनास, गम्भीर तथा पार्वती नदियों के व्यर्थ बहने वाले बरसाती पानी की बूंद-बूंद को बचाने के लिए राज्य सरकार 40 हजार करोड़ रुपये के ’ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट’ पर काम कर रही है। इस परियोजना से 13 जिलों को पेयजल आपूर्ति हो सकेगी। राजे ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदेश के तीन सरपंचों भंवरलाल पटेल, गुड्डू बाई तथा कांता ननोमा को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। साथ ही जल संरक्षण विषयों पर आयोजित प्रतियोगिताओं में विजेता रहने वाले छात्र-छात्राओं को भी पुरस्कृत किया।
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