सीएए को लेकर गांव-गांव में जागरूकता फैलाएंगे साधु संत: अखिलेश्वरानंद

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[email protected] । Jan 20 2020 6:55PM

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने के लिए श्रीराम जन्मभूमि न्यास ने वातावरण तैयार किया है। विहिप के मार्गदर्शक मंडल के सदस्यों के निर्देशन में पत्थर तराशने का काफी काम पूरा हो गया है।”उन्होंने कहा, “हमारे मॉडल में गर्भगृह उसी स्थान पर है जहां आज रामलला विराजमान हैं।

प्रयागराज। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की सोमवार को यहां हुई बैठक में निर्णय किया गया कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में जो भ्रम फैलाया जा रहा है, उसे दूर करने के लिए साधु संत गांव-गांव में जागरूकता फैलाएंगे।केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य अखिलेश्वरानंद जी महाराज ने यहां संवाददाताओं को बताया कि बैठक में संतों ने नागरिकता संशोधन कानून बनाए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की है और इस संबंध में गांव-गांव जाकर लोगों को खासकर मुसलमानों को बताएंगे कि इस कानून से भारतीय मुसलमानों का किसी भी तरह अहित नहीं है.. यह नागरिकता देने का कानून है, किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है।उन्होंने कहा कि कश्मीर से धारा 370 और 35ए हटाए जाने पर भी संतों ने प्रसन्नता व्यक्त की है। देश की एकता और अखंडता के लिए ये बहुत बड़ी बाधाएं थीं, जिन्हें दूर करने के लिए साधु संतों ने केंद्र की मोदी सरकार का आभार प्रकट किया है।अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तिथि के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, “जब केंद्र सरकार न्यास का गठन करेगी और इसके बाद जो बातें सामने आएंगी, उस पर विचार कर हम तिथि घोषित करेंगे।

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अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने के लिए श्रीराम जन्मभूमि न्यास ने वातावरण तैयार किया है। विहिप के मार्गदर्शक मंडल के सदस्यों के निर्देशन में पत्थर तराशने का काफी काम पूरा हो गया है।”उन्होंने कहा, “हमारे मॉडल में गर्भगृह उसी स्थान पर है जहां आज रामलला विराजमान हैं। इसलिए पूज्य संतों का आग्रह है कि उसी मॉडल की स्वीकृति मिलनी चाहिए।”अखिलेश्वरानंद जी महाराज ने बताया कि बैठक में जनसंख्या के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा, “जनसंख्या का जिस प्रकार से विस्फोट हो रहा है, उसे देखते हुए अगर केंद्र द्वारा इसके नियंत्रण के लिए कोई प्रस्ताव आता है, तो हम न केवल उसका समर्थन करेंगे, बल्कि गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करेंगे।”

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विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री मिलिंद परांडे ने बताया कि अयोध्या मुद्दे पर नौ नवंबर को निर्णय आने के बाद हिंदू समाज ने बहुत संयम का परिचय दिया। अब इस निर्णय को लेकर 25 मार्च (रामनवमी) से सात अप्रैल (हनुमान जयंती) तक देशभर में लाखों गांवों तक रथ यात्राएं, शोभा यात्राएं निकाली जाएंगी और रामोत्सव मनाया जाएगा।उन्होंने कहा कि पूज्य संतों ने यह निर्णय भी किया है कि पश्चिम भोगवाद के चलते हिंदू संस्कारों का जो क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोका जाए और ईसाई धर्मांतरण को लेकर देश भर में जो षड्यंत्र चल रहा है, उसे ध्वस्त करने के लिए वे अपने शिष्यों के साथ गांव-गांव जनजागरण करेंगे।अयोध्या में राम मंदिर को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद यह केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की प्रथम बैठक थी, जिसकी अध्यक्षता जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने की और इसमें लगभग सभी सदस्य शामिल हुए। मार्गदर्शक मंडल में 300 से अधिक साधु संत सदस्य हैं।

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