संसद टीवी हुआ लॉन्च, पीएम मोदी बोले- भारत के लिए लोकतंत्र सिर्फ संवैधानिक ढांचा नहीं, बल्कि जीवनधारा है

sansad TV
अंकित सिंह । Sep 15 2021 7:23PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन हमारी संसदीय व्यवस्था में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ रहा है। आज देश को संसद टीवी के रूप में संचार और संवाद का एक ऐसा माध्यम मिल रहा है जो देश के लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों की नई आवाज के रूप में काम करेगा।

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज संसद टीवी का उद्घाटन किया। इसी के साथ लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी का विलय हो गया। दोनों को मिलाकर संसद टीवी बनाया गया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन भी दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन हमारी संसदीय व्यवस्था में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ रहा है। आज देश को संसद टीवी के रूप में संचार और संवाद का एक ऐसा माध्यम मिल रहा है जो देश के लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों की नई आवाज के रूप में काम करेगा। उन्होंने कहा कि संसद टीवी के रूप में एक नई शुरुआत हो रही है। संसद टीवी सोशल मीडिया और ओटीटी पर भी उपलब्ध होगा। यह ऐप प्रारूप में भी उपलब्ध होगा। यह इसे आम भारतीय के करीब ले जाएगा।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज देश को संचार का एक नया माध्यम मिल रहा है जो भारत के युवाओं और लोकतंत्र की आवाज के रूप में काम करेगा। आज दूरदर्शन ने भी 62 साल पूरे कर लिए हैं और बहुत सारे लोगों ने इसकी यात्रा में योगदान दिया है। बदलते समय में मीडिया और टीवी channels की भूमिका भी तेजी से बदल रही है। 21वीं सदी तो विशेष रूप से संचार और संवाद के जरिए revolution ला रही है। ऐसे में ये स्वाभाविक है कि हमारी संसद से जुड़े चैनल भी इन आधुनिक व्यवस्थाओं के हिसाब से खुद को ट्रान्स्फॉर्म करें। 

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मोदी ने कहा कि भारत के लिए लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं है, एक विचार है। भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संवैधानिक स्ट्रक्चर ही नहीं है, बल्कि वो एक स्पिरिट है। भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संविधाओं की धाराओं का संग्रह ही नहीं है, ये तो हमारी जीवन धारा है। हमारी संसद में जब सत्र होता है, अलग अलग विषयों पर बहस होती है तो युवाओं के लिए कितना कुछ जानने सीखने के लिए होता है। हमारे माननीय सदस्यों को भी जब पता होता है कि देश हमें देख रहा है तो उन्हें भी संसद के भीतर बेहतर आचरण की, बेहतर बहस की प्रेरणा मिलती है। मुझे उम्मीद है कि संसद टीवी पर जमीनी लोकतंत्र के रूप में काम करने वाली पंचायतों पर भी कार्यक्रम बनाएं जाएंगे। ये कार्यक्रम भारत के लोकतंत्र को एक नई ऊर्जा और नई चेतना देंगे।

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